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कविता- जब तुम कहीं नहीं हो… (Poetry- Jab Tum Kahin Nahi Ho…)

By Usha Gupta in Shayeri , Geet / Gazal , Short Stories
ये धड़कनें तुम्हारे आस पास ठहरीं
माना कि तुम नहीं हो
जब सोचता हूं अकेला
तस्वीर तुम्हारी उभरी
कैसे कह दूं कि तुम नहीं हो
हालात के हाथों जो वक़्त क़ैद है
वरना वो कौन था
जो कहता कि तुम नहीं हो
इस दिल ने एक दिन
जो तस्वीर खींच ली थी
दिल पे हाथ रख कर
कह दो वो तुम नहीं हो
चांद और सितारे एक साथ चल रहे हैं
उम्र मेरी जा कर जिस मोड़ पर रुकी है
उस मोड़ का इक सिरा
कह दो कि तुम नहीं हो
किस किस का नाम लूं मैं
किस किस की बात कह दूं
इतने बड़े जहान में
क्यों दुनिया लगे है खाली
क्या तुम नहीं ये जानते
कि मेरे इस जहान में
बस, जब तुम कहीं नहीं हो…
– मुरली मनोहर श्रीवास्तव
Photo Courtesy: Freepik
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