आज दीपिका पादुकोण की फिल्म पीकू को 5 साल हो रहे हैं. इस फिल्म में उनके साथ अमिताभ बच्चन और इरफान ख़ान भी थे. तीनों की तिकड़ी ने फिल्म में लाजवाब अभिनय किया था. जो हंसाती भी थी, तो कई बार रुलाती भी थी. तीनों के उम्दा अभिनय के कारण इस फिल्म के लिए अमिताभ, इरफान और दीपिका तीनों को ही कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया.
दीपिका पादुकोण ने पीकू के गाने लम्हे गुज़र गए… चेहरे बदल गए… के साथ इस फिल्म के 5 साल हो जाने की बात बताई. साथ ही राणा को भी याद किया. राणा यानी इरफान ख़ान फिल्म में उनके किरदार का यही नाम था. रेस्ट इन पीस
माय डियर फ्रेंड… मेरे प्रिय मित्र आपकी आत्मा को शांति मिले… यह भी कहा उन्होंने.
इरफान ख़ान के यूं अचानक चले जाने से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर फैल गई थी. हर कोई ग़मगीन था. दीपिका की इरफान से बहुत अच्छी दोस्ती थी. पीकू की शूटिंग के समय दोनों की मुलाक़ात हुई थी. जल्द ही दोनों अच्छे दोस्त बन गए. अक्सर फंक्शन में, शूटिंग पर या फिर किसी फिल्म समारोह में मिलते, तो दोनों ही बेहद ख़ुश और उत्साहित दिखते.
पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में दीपिका अपने हॉलीवुड मूवी के प्रमोशन के लिए इंटरव्यू दे रही थीं और अचानक ही इरफान ख़ान आते हुए दिखाई देते हैं. उन्हें देखकर दीपिका बहुत ख़ुश होती हैं और इंटरव्यू छोड़कर गर्मजोशी से उनसे गले मिलती हैं. इरफान भी उतने ही प्यार व ज़िंदादिली से दीपिका को गले लगाते हैं. दोनों की आपस में बात होती है. बेहद ख़ूबसूरत लम्हा… और इरफान अपने बेटे बाबिल से भी दीपिका का परिचय करवाते है.
इन सब को देखकर कहा जा सकता है कि इरफान और दीपिका की बहुत अच्छी दोस्ती थी. वैसे भी पीकू फिल्म की शूटिंग के समय दोनों पहली बार मिले थे और फिर धीरे-धीरे उनकी गहरी दोस्ती हो गई थी. इरफान के अचानक चले जाने ने दीपिका के दिल को तोड़कर रख दिया. तभी भी उन्होंने अपने सोशल मीडिया के अकाउंट पर केवल काली तस्वीर के साथ टूटा हुआ दिल बना इमोजी शेयर किया था. कई दिन तक दीपिका दुखी ही रहीं और हर चीज़ से दूर भी रहीं.
आज पीकू को 5 साल हो रहे हैं, तो उन्हें इरफान खान की सब बातें और शूटिंग के साथ बिताए लम्हे याद आ रहे हैं. उन पलों को ही जीते हुए उन्होंने पीकू फिल्म का पूरा गाना ही लिख दिया. माना शब्दों में काफ़ी ग़लतियां थीं, लेकिन दीपिका के भाव सच्चे और बहुत अच्छे थे. इस गाने के ज़रिए उन्होंने इरफान को श्रद्धांजलि दी. पीकू टीम से जुड़े सभी लोगों को याद किया. हम भी वो लम्हें दोनों की तस्वीरों, गानों, यादगार पल के साथ जी लेते हैं ज़रा..
लम्हे गुज़र गए, चेहरे बदल गए
हम थे अनजानी राहों में
पल में रुला दिया,
पल में हंसा के फिर
रह गए हम भी राहों में…
थोड़ा-सा पानी है,
रंग है
थोड़ी-सी छांव है
चुभती है आंखों में धूप ये
खुली दिशा हूं मैं
और दर्द भी मीठा लगे
सब फासले कम हुए
ख़्वाबों से रास्ते सजाने तो दो
यादों को दिल में बसाने तो दो
लम्हे गुज़र गए…
थोड़ी-सी बेरुखी जाने दो
थोड़ी-सी ज़िंदगी
लाखों सवालों में ढूंढूं क्या
थक गई ये ज़मीं
जो मिल गया ये आसमां
लो आसमां से मांगू क्या
ख़्वाबों से रास्ते सजाने तो दो
यादों को दिल में बसाने तो दो
लम्हे गुज़र गए…
लम्हे गुज़र गए, चेहरे बदल गए
हम थे अनजानी राहों में
पल में रुला दिया, पल में हंसा के फिर
रह गए हम भी राहों में…
थोड़ा-सा पानी है, रंग है
थोड़ी-सी छांव है
चुभती है आंखों में धूप ये
खुली दिशा हूं मैं
और दर्द भी मीठा लगे
सब फासले कम हुए
ख़्वाबों से रारस्ते सजाने तो दो
यादों को दिल में बसाने तो दो
लम्हे गुज़र गए…
इस गाने को गीत-संगीत के साथ गाया भी अनुपम रॉय ने है… शुजीत सरकार द्वारा निर्देशित इस फिल्म की कथा पटकथा जूही चतुर्वेदी की थी.