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कहानी- चांद के पार 4 (Story Series- Chand Ke Paar 4)

एक-दूसरे की हथेलियों को थामे जब वो मॉल, रेस्तरां, स्टोर्स या सड़कों पर चहलकदमी करते हैं, तो सभी उन्हें परफेक्ट कपल ही सोचते हैं. उन्होंने बांहें फैलाई नहीं कि जया किसी ब्याहता की तरह उनमें सिमट आती हैं. आजकल जब भी वो उनकी बांहों में सिमटती हैं, उनके तन की छुअन किसी कस्तूरी मृग की तरह उन्हें तड़पा देती है और वे विवश हो उनकी हथेलियों को मसलते रह जाते हैं. कौन देखता है इस देश में अगर उन दोनों के बीच की दूरियां मिट भी जाती हैं तो. पर वे मर्यादा से बंधकर ऐसा करने से मन मसोसकर रह जाते हैं. उनकी गर्म सांसें ही उसका अभिनंदन करके रह जाती हैं. पापा तो उन्हें देखते ही ख़ुशी के मारे चहकने लगते हैं. अब तो वो आंटी के साथ जाकर ग्रॉसरी वग़ैरह ही नहीं, बल्कि सब्ज़ी-फल भी ख़रीद लाते हैं. लाइब्रेरी जाकर अपनी पसंद की किताबें ले आते हैं. जया आंटी को मां बना लेने की बात मज़ाक में ही उसके पति समीर का कहना उसे सुख की अनुभूतियों से भर गया था. काश! ऐसा हो सकता, पर यश क्यों मानने लगा. जाति से कहां वे ब्राह्मण और कहां वे बनिया. सोचकर पिया का मन छोटा हो गया. फिर भी वो यश से बात करेगी. देखें वो कहता क्या है. युवावस्था में शिव की प्रतिभा और स्वभाव पर न जाने कितनी लड़कियां आकर्षित थीं, लेकिन उन्होंने कभी नज़र उठाकर भी किसी को नहीं देखा था. अपनी पत्नी पद्मा को ही चाहते रहे, लेकिन इस उम्र में जया के प्रति अपने मन के सम्मोहन पर आश्‍चर्यचकित थे. उनका वश चलता, तो वो जया को अपने हृदयस्थल में छुपा लेते. जितनी बेबाक़ी से वे यहां पर जया से मिलते हैं, क्या पटना में मिल सकेंगे? वहां का समाज इसे सहन कर सकेगा? उन पर तो हंसेगा ही, लेकिन जया के चरित्र पर भी उंगलियां उठाने से पीछे नहीं हटेगा. उनकी जया को कोई चरित्रहीन कहे, उनकी आत्मा सहन कर पाएगी? कदापि नहीं! जया भी तो उन पर अनुरक्त हैं. यह भी पढ़ेशादीशुदा से प्यार अब परहेज़ नहीं (Having An Affair With Married Man?) एक-दूसरे की हथेलियों को थामे जब वो मॉल, रेस्तरां, स्टोर्स या सड़कों पर चहलकदमी करते हैं, तो सभी उन्हें परफेक्ट कपल ही सोचते हैं. उन्होंने बांहें फैलाई नहीं कि जया किसी ब्याहता की तरह उनमें सिमट आती हैं. आजकल जब भी वो उनकी बांहों में सिमटती हैं, उनके तन की छुअन किसी कस्तूरी मृग की तरह उन्हें तड़पा देती है और वे विवश हो उनकी हथेलियों को मसलते रह जाते हैं. कौन देखता है इस देश में अगर उन दोनों के बीच की दूरियां मिट भी जाती हैं तो. पर वे मर्यादा से बंधकर ऐसा करने से मन मसोसकर रह जाते हैं. उनकी गर्म सांसें ही उसका अभिनंदन करके रह जाती हैं. वो तो ग्रीन कार्ड होल्डर हैं, अगर जया रज़ामंद हों, तो उन्हें ब्याहकर इसी देश में बस जाएं. इसी बीच जया और शिव का परिवार घूमने के लिए दो घंटे की दूरी पर जर्मनी के बवेरिया शहर के आधार पर बने लीवेनवर्थ गए. फूलों और ऑर्केस्ट्रा की इस ख़ूबसूरत नगरी में जया और शिव को पीछे छोड़कर सभी आगे बढ़ गए. अचानक उनकी नज़र हाथों में हाथ दिए म्यूज़ियम की सीढ़ी पर बैठे शिव और जया पर पड़ी. एक-दूसरे को वे बड़े प्रेम से आइस्क्रीम खिला रहे थे. अचानक ही पिया और यश को अपने पापा और मम्मी की ख़ुशियों के राज़ का पता चल गया. उसी क्षण उन दोनों ने उन्हें एक करके उनकी ख़ुशियों को बनाए रखने का निर्णय ले लिया. घर के सभी सदस्यों की ख़ुशियां और उत्साह का कारण चाहकर भी जया नहीं जान पाईं. बड़े प्रेम और आग्रह से अणिमा ने अपनी सुंदर-सी साड़ी जया को पहनाई. चांदी के चंद तारों को लिए लंबे बालों का जूड़ा बनाकर जया के माथे पर छोटी लाल बिंदिया क्या लगाई, उनकी रूप-राशि पर मोहित होकर वह स्वयं ही लिपट गई. मां के नए रूप को यश भी देखता ही रह गया. कुछ दिनों के लिए बाहर जाने की बात कहकर अणिमा ने जया का सामान भी पैक कर दिया था. हमेशा की तरह यश और पिया का परिवार अपनी गाड़ियों से निकल पड़े. आज उनकी गाड़ियां सिटी हॉल के सामने रुकीं, जहां आने की अनुमति उन्होंने ले रखी थी. पिया और यश ने जया और शिव को ले जाकर जज के सामने खड़ा कर दिया. जज ने बाइबिल को साक्षी रखते हुए पेपर पर उन दोनों के साथ गवाह बने पिया और यश के हस्ताक्षर लिए. जज की बधाई देने के बाद जया अवगत होकर आश्‍चर्यचकित ही थी कि पिया और यश मम्मी-पापा कहते हुए उन दोनों से लिपट गए. बाकी की रस्में मंदिर में जाकर संपन्न हुईं. नव परिणीता जया के चेहरे पर से शिव की नज़रें ही नहीं हट रही थीं. पिया शिव के साथ मिलकर महीनेभर से तैयारियां कर रही थी. लज्जा से कहीं जया शादी के लिए मना ना कर दे, इसलिए यश और अणिमा ने शादी की बात उनसे छुपा रखी थी. मां के छलकते रूप और ख़ुशी पर यश बलिहार था, तो उधर पिया भी अपने पापा की ख़ुशियों को समेट नहीं पा रही थी. यश की ज़ुबान शिव को पापा कहते थक नहीं रही थी, तो पिया किसी बच्ची की तरह जया से लिपटी जा रही थी. जया और शिव के पोते-पोती भी ग्रैंड मॉम और ग्रैंड पा को देखकर किलक रहे थे. यह भी पढ़ेबर्थडे से जानें लव मैरिज होगी या अरेंज मैरिज (Love Or Arranged Marriage: Your Birthdate Can Predict) एयरोड्रम पहुंचकर यश और पिया ने शिव और जया का सामान ट्रॉली पर रखते हुए स्विटज़रलैंड की टिकटें पकड़ाईं, तो दोनों लज्जा से आरक्त हो उठे, पर चल पड़े चांद के पार जहां एक नई सुबह अरमानों की नई कोपलों के साथ उनका इंतज़ार कर रही थी.        रेणु श्रीवास्तव

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