देव आनंद के बारे में यह कहा जाता है कि वो इतने गुड लुकिंग थे कि लड़कियाँ उन्हें देख के बेहोश हो जाती थीं. जिस वक़्त उन्होंने फ़िल्मों में एंट्री की उस वक़्त सुरैया बड़ी स्टार थीं. उनकी ख़ूबसूरती के चर्चे भी काफ़ी मशहूर थे.
देव और सुरैया ने जब फ़िल्मों में साथ काम करना शुरू किया तो दोनों में काफ़ी अच्छी दोस्ती हो गई थी. सुरैया तब कहती थीं कि देव काफ़ी हैंडसम थे और शुरू शुरू में लव सीन करते समय नर्वस भी हो जाते थे.
शूटिंग के समय एक सीन के दौरान सुरैया नदी में डूबने लगी थीं तब देव ने ही उनकी जान बचाई थी. दोनों अब क़रीब आने लगे थे और दोनों के इश्क़ के चर्चे भी काफ़ी मशहूर होने लगे थे.
बहरहाल दोनों की दोस्ती सच में प्यार में बदल गई. देव ने सुरैया से अपने रिश्ते को कभी छुपाया नहीं, वो अक्सर कहते थे कि सुरैया उनका पहला प्यार थीं और पहला प्यार हमेशा ख़ास होता है.
उस जमाने में इतना खुल के मिलना संभव नहीं था इसलिए देव और सुरैया की मुलाक़ात सेट पर ही होती या फिर देव सुरैया के घर जाते, लेकिन सुरैया की नानी को देव पसंद नहीं थे और उनके बीच अब मज़हब भी आड़े आने लगा था.
सुरैया की नानी को फ़िल्मों में भी दोनों के लव सीन पर ऐतराज़ था. देव कहते थे कि जब वो सुरैया के घर जाते थे तो उनकी नानी देव को घूर के देखा करती थीं. देव ने सुरैया को एक अंगूठी दी थी जिसे सुरैया ने समंदर में फेंक दिया था. सुरैया अपनी नानी के ख़िलाफ़ जा के देव से शादी का फ़ैसला नहीं ले पाईं और देव को भी सुरैया ने अपना आख़री फ़ैसला सुना दिया था. यह सुन के देव घर आ के फूट फूट के रोए थे.
उसके बाद दोनों ने साथ में काम भी नहीं किया लेकिन देव के प्यार में गिरफ़्तार सुरैया ने भी किसी और से शादी नहीं की और वो कुँवारी ही रहीं. इस तरह सुरैया ने अपना प्यार निभाया, लेकिन दोनों का प्यार मुकम्मल नहीं हो पाया और यह दास्तान अधूरी रही.