 अदरक: अदरक में मौजूद पोटैशियम, मैग्नीश्यिम आदि थायरॉइड की समस्या से निजात दिलाते हैं. अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण थायरॉइड को बढ़ने से रोकता है और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार लाता है.
दही और दूध का सेवन: थायरॉइड के मरीज़ों को दही और दूध का इस्तेमाल अधिक से अधिक करना चाहिए. दूध और दही में मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स थायरॉइड के मरीज़ों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं.
साबूत अनाज: साबूत अनाज जैसे, ज्वार, बाजरा, रागी आदि का सेवन करने से थायरॉइड की समस्या नहीं होती है, क्योंकि साबूत अनाज में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स आदि भरपूर मात्रा होता है जो थायरॉइड को बढ़ने से रोकता है.
फलों और सब्ज़ियों का सेवन: जितना हो सके फलों व सब्ज़ियों का सेवन करना चाहिए. फल और सब्ज़ियों में एंटीआक्सीडेंट होता है, जो थायरॉइड को कभी बढ़ने नहीं देता. सब्ज़ियों में टमाटर, हरी मिर्च आदि खाएं.
आयोडीन का प्रयोग: हाल ही में हुए नए शोध में यह बात सामने आई है कि आयोडिन में मौजूद पोषक तत्व थायरॉइड ग्लैंड की कार्यप्रणाली को ठीक रखता है.
आज़माएं ये भी
गले को दें ठंडी-गरम सेंक: थायरॉइड की समस्या में गले को ठंडी-गर्म सेंक देने से फ़ायदा मिलता है. इसके लिए एक बोतल में गरम पानी भरें और अलग से ठंडे पानी को किसी बर्तन में भर लें. ठंडे पानी में तौलिया भी भिगों लें. फिर 3 मिनट गरम पानी की बोतल से गले का सेंक करें और फिर एक मिनट तक ठंडे पानी से सेंक करें. ऐसा 3 बार करें. चौथी बारी में 3 मिनट ठंडे और तीन मिनट गरम पानी से सेंक करें.
योग: योग के जरिए भी थाइराइड की समस्या से निजात पाया जा सकता है. आप भुजंगासन, नाड़ीशोधन, मत्स्यासन, सर्वांगासन और बृहमद्रा आदि कर सकते हैं.
एक्युप्रेशर:  थायरॉइड को एक्युप्रेशर के ज़रिए भी ठीक किया जा सकता है. एक्युप्रेशर में पैराथायरॉइड और थायरॉइड के जो बिंदू होते हैं वे पैरों और हाथों के अंगूठे के नीचे और थोड़े उठे हुए भाग में मौजूद रहते हैं. इन बिंदुओं (पॉइंट्स) को बांई से दांई ओर प्रेशर देन यानी दबाना चाहिए. हर पाइंट को कम से कम तीन मिनट तक दबाएं. इस उपाय को हर रोज़ कम से कम दो बार ज़रूर करें.
परहेज़:  जितना हो सके चावल, मैदा, मिर्च-मसाले, खटाई, मलाई, अंडा, अधिक नमक आदि का सेवन बंद कर दें. साधारन नमक की जगह सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं.
अदरक: अदरक में मौजूद पोटैशियम, मैग्नीश्यिम आदि थायरॉइड की समस्या से निजात दिलाते हैं. अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण थायरॉइड को बढ़ने से रोकता है और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार लाता है.
दही और दूध का सेवन: थायरॉइड के मरीज़ों को दही और दूध का इस्तेमाल अधिक से अधिक करना चाहिए. दूध और दही में मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स थायरॉइड के मरीज़ों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं.
साबूत अनाज: साबूत अनाज जैसे, ज्वार, बाजरा, रागी आदि का सेवन करने से थायरॉइड की समस्या नहीं होती है, क्योंकि साबूत अनाज में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स आदि भरपूर मात्रा होता है जो थायरॉइड को बढ़ने से रोकता है.
फलों और सब्ज़ियों का सेवन: जितना हो सके फलों व सब्ज़ियों का सेवन करना चाहिए. फल और सब्ज़ियों में एंटीआक्सीडेंट होता है, जो थायरॉइड को कभी बढ़ने नहीं देता. सब्ज़ियों में टमाटर, हरी मिर्च आदि खाएं.
आयोडीन का प्रयोग: हाल ही में हुए नए शोध में यह बात सामने आई है कि आयोडिन में मौजूद पोषक तत्व थायरॉइड ग्लैंड की कार्यप्रणाली को ठीक रखता है.
आज़माएं ये भी
गले को दें ठंडी-गरम सेंक: थायरॉइड की समस्या में गले को ठंडी-गर्म सेंक देने से फ़ायदा मिलता है. इसके लिए एक बोतल में गरम पानी भरें और अलग से ठंडे पानी को किसी बर्तन में भर लें. ठंडे पानी में तौलिया भी भिगों लें. फिर 3 मिनट गरम पानी की बोतल से गले का सेंक करें और फिर एक मिनट तक ठंडे पानी से सेंक करें. ऐसा 3 बार करें. चौथी बारी में 3 मिनट ठंडे और तीन मिनट गरम पानी से सेंक करें.
योग: योग के जरिए भी थाइराइड की समस्या से निजात पाया जा सकता है. आप भुजंगासन, नाड़ीशोधन, मत्स्यासन, सर्वांगासन और बृहमद्रा आदि कर सकते हैं.
एक्युप्रेशर:  थायरॉइड को एक्युप्रेशर के ज़रिए भी ठीक किया जा सकता है. एक्युप्रेशर में पैराथायरॉइड और थायरॉइड के जो बिंदू होते हैं वे पैरों और हाथों के अंगूठे के नीचे और थोड़े उठे हुए भाग में मौजूद रहते हैं. इन बिंदुओं (पॉइंट्स) को बांई से दांई ओर प्रेशर देन यानी दबाना चाहिए. हर पाइंट को कम से कम तीन मिनट तक दबाएं. इस उपाय को हर रोज़ कम से कम दो बार ज़रूर करें.
परहेज़:  जितना हो सके चावल, मैदा, मिर्च-मसाले, खटाई, मलाई, अंडा, अधिक नमक आदि का सेवन बंद कर दें. साधारन नमक की जगह सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं.
 स्मार्ट टिप्स
1. रोज़ सुबह-शाम लहसुन की कच्ची कलियां खाकर पानी पीएं. सलाद में कच्चा प्याज़ खाएं. इनसे शरीर को विटामिन मिलता है, जो थायरॉइड फंक्शन को ठीक रखता है.
2. एक ग्लास पानी में 2 टीस्पून साबूत धनिया रातभर भिगोकर रखें. सुबह धनिया छानकर ये पानी उबालें और इसमें चुटकीभर नमक मिलाकर पी लें.
3.  जंक फूड और फास्ट फूड वज़न बढ़ाने के साथ ही थायरॉइड ग्लैंड पर बुरा असर डालती हैं, इसलिए इनसे परहेज़ करें.
4. रात को सोने से पहले एक कप पालक के रस में आधा नींबू का रस मिलाकर पीएं.
5.  सोयाबीन थायरॉइड के मरीज़ों की मुश्किल बढ़ा देता है, इसलिए सोया फूड और सोया ऑयल खाने से बचें.
6.  फूलगोभी और ब्रोकोली थायरॉइड फंक्शन को कमज़ोर करते हैं, अतः इन्हें भी न खाएं.
7. मशरूम खाने से थायरॉइड का ख़तरा घटता है. इसमें विटामिन की भरपूर मात्रा होती है, जो थायरॉइड ग्लैंड को सही तरह से काम करने में मदद करता है.
8. रोज़ सुबह खाली पेट एक ग्लास लौकी का जूस पीएं. फिर आधे घंटे तक कुछ भी न खाएं-पिए. थायरॉइड का ख़तरा कम हो जाएगा.
ये भी पढ़ेंः   इन लक्षणों से जानें थायरॉइड कंट्रोल में  है या नहीं (Thyroid: Causes, Symptoms And Treatment)
स्मार्ट टिप्स
1. रोज़ सुबह-शाम लहसुन की कच्ची कलियां खाकर पानी पीएं. सलाद में कच्चा प्याज़ खाएं. इनसे शरीर को विटामिन मिलता है, जो थायरॉइड फंक्शन को ठीक रखता है.
2. एक ग्लास पानी में 2 टीस्पून साबूत धनिया रातभर भिगोकर रखें. सुबह धनिया छानकर ये पानी उबालें और इसमें चुटकीभर नमक मिलाकर पी लें.
3.  जंक फूड और फास्ट फूड वज़न बढ़ाने के साथ ही थायरॉइड ग्लैंड पर बुरा असर डालती हैं, इसलिए इनसे परहेज़ करें.
4. रात को सोने से पहले एक कप पालक के रस में आधा नींबू का रस मिलाकर पीएं.
5.  सोयाबीन थायरॉइड के मरीज़ों की मुश्किल बढ़ा देता है, इसलिए सोया फूड और सोया ऑयल खाने से बचें.
6.  फूलगोभी और ब्रोकोली थायरॉइड फंक्शन को कमज़ोर करते हैं, अतः इन्हें भी न खाएं.
7. मशरूम खाने से थायरॉइड का ख़तरा घटता है. इसमें विटामिन की भरपूर मात्रा होती है, जो थायरॉइड ग्लैंड को सही तरह से काम करने में मदद करता है.
8. रोज़ सुबह खाली पेट एक ग्लास लौकी का जूस पीएं. फिर आधे घंटे तक कुछ भी न खाएं-पिए. थायरॉइड का ख़तरा कम हो जाएगा.
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