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जानें कंडोम से जुड़े 10 मिथकों की सच्चाई (Top 10 Condom Myths & Facts)

भारत में सेक्स से जुड़ी जानकारी को लेकर लोग कई मिथकों के शिकार हैं. कंडोम और इसके इस्तेमाल को लेकर भी लोगों में कई तरह की ग़लतफ़हमियां हैं. हम सभी जानते हैं कि प्रभावी सुरक्षा कैसे की जानी चाहिए? लेकिन आगे जो हम बताने जा रहे हैं उसे पढ़े बिना  कोई मत न बनाएं. हम आपको बताने जा रहे हैं कंडोम से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई.
Condom Myths & Facts, about Condom 1. मिथकः कंडोम ख़रीदने के लिए 18 साल का होना ज़रूरी है. सच्चाईः आप किसी भी उम्र में कंडोम ख़रीद सकते हैं. आप किसी कम्युनिटी कॉन्ट्रॉसेप्टिव क्लिनिक, सेक्सुअल ऐंड जेनिटोयोरिनरी मेडिसिन क्लिनिक या सेक्स संबंधी जागरूकता के लिए काम कर रही किसी संस्था से भी मुफ़्त में कंडोम ले सकते हैं. 2. मिथकः ओरल और ऐनल सेक्स में कंडोम की कोई ज़रूरत नहीं है. सच्चाईः कंडोम के इस्तेमाल का उद्देश्य न स़िर्फ प्रेग्नेंसी को रोकना है, बल्कि सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिज़ीज़ यानी यौन संक्रमणों से भी सुरक्षित रखना है. अगर आप ख़ुद अपने या अपने पार्टनर के संक्रमित होने को लेकर आश्वस्त नहीं हैं तो कंडोम का ज़रूर इस्तेमाल करें. विशेषज्ञों के अनुसार, सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिज़ीज़ से बचाव में कंडोम महत्वपूर्ण है, ख़ासतौर पर जब लिंग पर खरोंचे हों या दांत से काटा हुआ हो. 3. मिथकः कंडोम कभी ख़राब नहीं होते. सच्चाईः यह ग़लत है, कंडोम एक्सपायर होते हैं. कंडोम ख़रीदते व़क्त पैकेट को ध्यान से पढ़ें. उसमें उसकी एक्सपायरी डेट दी होती है. कुछ लोग कह सकते हैं कि बिना कंडोम के सेक्स करने से बेहतर है, पुराना कंडोम इस्तेमाल करें. ऐसी सलाह से सावधान रहें, क्योंकि इससे शरीर पर चकत्ते पड़ सकते हैं. एक प्रकार की चिड़चिड़ाहट भी हो सकती है. लचीलापन खत्म होने की वजह से कंडोम आसानी से फट सकता है. नया पैकेट ख़रीदने और कंडोम को सही ढंग से लगाने से पहले बेड पर जाने की जल्दबाज़ी न दिखाएं. 4. मिथकः कंडोम असुविधाजनक होते हैं और कम आनंद देते हैं. सच्चाईः कई अध्ययनों में पाया गया है कि यह सच नहीं है. लोगों को इसका इस्तेमाल करने पर भी उतना ही आनंद का एहसास होता है जितना इसके बिना. हालांकि कुछ कंडोम इस तरह डिज़ाइन किए जाते हैं जिससे ऑर्गेज़्म तक पहुंचने में देरी हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इससे सेंसिटिविटी भी कम हो जाती है. 5. मिथकः यदि महिला ने गर्भनिरोधक गोली (पिल) ली है तो कंडोम की ज़रूरत नहीं. सच्चाईः गोली लेने से सेक्सुअली ट्रांस्मिटेड डिज़ीज़ या इंफेक्शन से सुरक्षा नहीं मिलती. कुछ केसेस में प्रेग्नेंसी रोकने को लेकर भी गोलियां असर नहीं करतीं. यानी इस मिथक से भी आपको बचना चाहिए. यह भी पढ़ें: सेक्स रिसर्च: सेक्स से जुड़ी ये 20 Amazing बातें, जो हैरान कर देंगी आपको Condom Myths & Facts, about Condom 6. मिथकः दो कंडोम लगाना ज़्यादा सुरक्षित है. सच्चाईः केवल एक कंडोम का इस्तेमाल ही अनचाहे गर्भ और यौन संक्रमणों से बचने के लिए काफ़ी है. दरअसल, दो कंडोम लगाने से घर्षण की संभावना बढ़ेगी. कंडोम फट भी सकते हैं. इसलिए व्यक्ति को दो कंडोम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे रिसाव की संभावना बढ़ जाती है. 7. मिथकः चिकनाहट के लिए कोई भी तैलीय पदार्थ यूज कर सकते हैं सच्चाईः अधिकतर कंडोम इस्तेमाल के लिए पर्याप्त रूप से चिकने होते ही हैं. अगर आपको और चिकनाहट की ज़रूरत हो तो पानी या सिलिकन से बनी किसी वस्तु का इस्तेमाल करें, तेल से बनी किसी वस्तु का इस्तेमाल न करें. तेल रबर को नष्ट कर देता है जिससे कंडोम फट सकता है. 8. मिथकः कहीं भी स्टोर करें. सच्चाईः कंडोम को बहुत ज़्यादा या बहुत कम तापमान वाली जगह पर स्टोर करके नहीं रखना चाहिए. ऐसी जगह (उदाहरण के लिए आपकी जेब) जहां घर्षण होता हो, कंडोम को नुकसान हो सकता है. इससे स्पर्म के कंडोम से बाहर निकलने का ख़तरा बढ़ जाता है. 9. मिथकः लेटेक्स (क्षीर) से एलर्जी होने पर यूज नहीं कर सकते. सच्चाईः ऐसा नहीं है. लेटेक्स से एलर्जी होना आपको सेक्स नहीं करने या असुरक्षित सेक्स करने पर मजबूर नहीं करता. इस समस्या से बचने के लिए मार्केट में लेटेक्स कंडोम उपलब्ध हैं जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है. इनमें लैंब्स्किन से बने कंडोम प्रेग्नेंसी तो रोकते हैं, लेकिन संक्रमण से बचाव नहीं करते. 10. मिथकः केवल हेट्रोसेक्सुअल ही इस्तेमाल करते हैं. सच्चाईः यह हमेशा याद रखें कि कंडोम प्रेग्नेंसी ही नहीं रोकते, बल्कि संक्रमणों से भी बचाव करते हैं, इसलिए होमोसेक्सुअल कपल को भी इनकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए. यह भी पढ़ें: 7 तरह के सेक्सुअल पार्टनरः जानें आप कैसे पार्टनर हैं

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