- अभिनेताओं को वक़्त के साथ बदलना होगा. ख़ुद को अपडेट रखना होगा. यदि मैं भी ख़ुद को समय के साथ नहीं बदलता, तो मज़ाक का पात्र बन सकता हूं.
- आज फिल्म स्टार्स चापलूसों से बेहद घिरे हुए हैं, उन्हें इसे समझना होगा. कई सुपरस्टार हैं, जो इसे बख़ूबी जानते व समझते हैं, जैसे- आमिर खान, शाहरुख खान और सलमान खान.

- कई कलाकार अपने साथ पूरी फौज लेकर चलते हैं. मेरे साथ भी छह लोग रहते हैं, जिनमें मेरी मैनेजर इशिता व मोनिका भी हैं. लेकिन मैं अपने सेट पर कभी भी मैनेजर को लेकर नहीं आता. यह नियम मेरे पिता (डेविड धवन) का बनाया हुआ है, जिसे मैं फॉलो करता हूं.
- जब मैंने अपना करियर शुरू किया था, तब हम छोटे से घर में रहते थे. मैं अपने बड़े भाई रोहित के साथ सोता था. मुझे उसके हाथ पर सिर रखकर सोने की आदत थी.
- मेरे पिताजी कानपुर से मुंबई काम के लिए आए थे. एक प्रोडयूसर से निर्देशक की दुनिया अलग होती है और संघर्ष तो रहता ही है. जब मैं 1987 में पैदा हुआ था, तब हमारे घर में कार आया था. मुझे बचपन में बहुत सी बातें समझ में नहीं आती थीं, तब भाई मुझे बचाता रहता था. पैरेंट्स ने भी इतने लाड़-प्यार से पाला कि मैं ख़ुद को राजा समझता था. ऑटो में घूमता-फिरता रहता था. क़रीब 15 साल की उम्र तक यही सिलसिला चलता रहा.
- नताशा को मैंने अंडरवॉटर प्रपोज़ करने की योजना बनाई थी. अपने दोस्त को कहा कि जब मैं पानी में नताशा को प्रपोज करूं, तब यू सैंग टू मी... गाना लगा देना. मैं नताशा के साथ स्विमिंग पूल में था. कई बार कोशिश की पानी के नीचे से ऊपर आकर रिंग के साथ उसे प्रपोज करने की, पर हो न सका. और जब हुआ, तब नताशा पूल से बाहर निकल चुकी थी. फिर तो फिल्मी अंदाज़ में घुटने के बल बैठकर प्रपोज़ किया और उसने हां कर दी. आज बेटी लारा के साथ हमारी प्यारी सी दुनिया है.

- अमित शाह को राजनीति का चाणक्य कहा जाता है, पर मैंने उन्हें भारत के लिए निस्वार्थ भाव से सेवा करते देखा है. मेरा यह मानना है कि वे देश के लिए हनुमान जैसे हैं और मैं उन्हें हनुमान कहना चाहूंगा.
- मैं सलमान खान की फिल्में देखकर बड़ा हुआ हूं. उनका बेहद सम्मान करता हूं. जब भी उनका फोन आता है तो मैं खड़ा हो जाता हूं. कई बार तो सेट पर भी ऐसा हुआ है.
- ज़िंदगी में कोई भी काम करें, फिर चाहे वो दोस्त हो या गर्लफ्रेंड आपसी सहमति अवश्य हो. अपने हर रिश्ते में इसे ज़रूर फॉलो करें.
- ‘सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी’ फिल्म की अधिकतर शूटिंग राजस्थान में हुई थी. मेरी फिल्मों से लेकर पर्सनल लाइफ तक का राजस्थान से ख़ास रिश्ता रहा है, विशेषकर जयपुर से. मैं यहां की मिट्टी से बेहद अपनापन महसूस करता हूं.

- करण जौहर जहां भी जाते हैं, पूरी वाहवाही वे ही ले जाते हैं. इसलिए उन्होंने अब फ़ैसला किया है कि अपनी फिल्मों के लॉन्च में वे नहीं जाएंगे, ताकि औरों को भी लाइमलाइट मिल सके. मीडिया भी तो उनके पीछे पड़ जाती है.

- बचपन से ही मां के दिए संस्कारों का पालन करता रहा हूं. वैसे तो ढेर सारी बातें हैं, लेकिन एक चीज़ है, जो मैं आज भी फॉलो करता हूं. छोटेपन में स्कूल जाने से पहले सुबह स्नान करना पड़ता था, तब ख़ूब ठंड लगती थी. ऐसे में मां गायत्री मंत्र का उच्चारण करने के लिए कहती थीं. यह आदत आज भी बरक़रार है.
- ऊषा गुप्ता

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