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अफसर बन ग़ुलामी करने की बजाय...
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अफसर बन ग़ुलामी करने की बजाय नेताजी ने बनाई आज़ाद हिंद फौज (120th Birth anniversary of netaji subhash chandra bose)

आज़ाद हिंद फौज बनाकर पूरी दुनिया को अपनी साहस और बल का परिचय देनेवाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती पर मेरी सहेली की ओर से शत-शत नमन! पिता चाहते थे कि बेटा अफसर बने, लेकिन नेताजी को अंगे्रज़ों की ग़ुलामी करना मंज़ूर नहीं था, इसीलिए बना ली अपनी ही सेना और नाम रखा आज़ाद हिंद फौज.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पिता बेटे को आईसीएस (भारतीय सिविल सेवा) का अफसर बनाना चाहते थे. इसकी तैयारी के लिए सुभाष लंदन चले गए. 1920 में सुभाष ने आईसीएस की परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया, लेकिन अंग्रेज़ों की ग़ुलामी करना उन्हें मंज़ूर नहीं था और उन्होंने आज़ाद हिंद फौज का गठन कर अंग्रेज़ों से लोहा लेने की ठान ली.
स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता सुभाष का जन्म 23 जनवरी, 1897 को ओडिशा के कटक में जानकीनाथ बोस और प्रभावती देवी के यहां हुआ था. उन्होंने तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा दिया, जो भारतीय युवाओं में एक नया जोश भर गया. सुभाष के पिता प्रतिष्ठित सरकारी वकील थे. वह बंगाल विधानसभा के सदस्य भी रह चुके हैं और ब्रिटिश सरकार ने उन्हें रायबहादुर के किताब से भी नवाज़ा था.
अंग्रेज़ी सरकार के ख़िलाफ़ आंदोलन चलाने के कारण सुभाष को कुल 11 बार जेल जाना पड़ा. सबसे पहले उन्हें 16 जुलाई, 1921 को छह महीने जेल में रहने की सज़ा सुनाई गई थी. 1930 में जब सुभाष ने जेल से ही चुनाव लड़ा और वह कोलकाता के महापौर चुने गए, जिसके चलते अंग्रेज़ों को उन्हें जेल से रिहा करना पड़ा.
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापान की हार के बाद सुभाष ने रूस से सहायता मांगने का विचार किया. 18 अगस्त 1945 को जब वह मंचूरिया की ओर जा रहे थे, तभी उनका विमान लापता हो गया और वह फिर कभी नजर नहीं आए. 23 अगस्त, 1945 को टोकियो रेडियो ने बताया कि सैगोन आते व़क्त 18 अगस्त, 1945 को एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें नेताजी गंभीर रूप से जल गए और ताइहोकू सैन्य अस्पताल में उन्होेंने दम तोड़ दिया. हालांकि इस घटना की पूरी तरह से कभी पुष्टि नहीं हो पाई और उसका रहस्य अभी तक बरकरार है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी को ट्विटर पर श्रद्धांजलि दी.
I salute Netaji Subhas Chandra Bose on his birth anniversary. His valour played a major role in freeing India from colonialism.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2017
रवि शंकर प्रसाद ने भी ट्विटर पर सुभाष जी को नमन किया.
My tribute to the great Indian freedom fighter #Netaji Subhas Chandra Bose on his birth anniversary. pic.twitter.com/Q7ZecpamyK
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) January 23, 2017
चंद्र बाबू नायडू ने भी नेताजी को ट्विटर पर श्रद्धांजलि दी.
Saluting the great son of the soil, an epitome of patriotism and valour, #Netaji Subhash Chandra Bose, on his birth anniversary.
— N Chandrababu Naidu #StayHomeSaveLives (@ncbn) January 23, 2017
नेताजी अमर हैं, उनकी कीर्ति अमर है. उन्होेंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया. ऐसे महान देशभक्त को शत-शत नमन!