पिछले कुछ वर्षों में हम लोगों ने चेचक, पोलियो और स्पेनिश फ्लू जैसी कई महामारियों को देखा है और प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी सिस्टम द्वारा इन बीमारियों से ख़ुद को बचाने के लिए उपाय भी किए. कोरोना वायरस नया वायरस है, जिसने लोगों के मन में कई सवाल खड़े किए. इससे लड़ने के लिए इम्यूनिटी का मज़बूत होना बेहद ज़रूरी माना गया.
इम्यूनिटी सिस्टम कोशिकाओं और प्रोटीन का एक जटिल नेटवर्क है, जो शरीर को संक्रमण से बचाता है. रही बात शिशु की, तो वे विभिन्न बीमारियों और संक्रमणों के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं, इसलिए पैरेंट्स के लिए यह समझना ज़रूरी है कि कैसे शिशु को मां से इम्यूनिटी ट्रांसफर होती है. साथ ही इसके प्रारंभिक चरणों के दौरान शिशु की इम्यूनिटी को बढ़ाने का महत्व क्या है. इस विषय पर एड्रोइट बायोमेड लिमिटेड के डॉ. अनीश देसाई और डॉ. सुनैना आनंद ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं.
एंटीबॉडी, जो रक्षा कोशिकाएं होती हैं, गर्भावस्था के दौरान नाल के माध्यम से मां से शिशु में पारित हो जाती हैं. इससे शिशु को जन्म के शुरुआती दिनों में कुछ सुरक्षा मिलती है. शिशु को मिले एंटीबॉडी का प्रकार और मात्रा मां की इम्यूनिटी के अपने स्तर पर निर्भर है. जन्म के बाद, एंटीबॉडी मां के दूध के माध्यम से शिशु को मिलता है. हालांकि, शिशु की इम्यूनिटी सिस्टम अभी भी विकसित हो रही है, इसलिए उसे अपेक्षित आधार की आवश्यकता होती है.
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अक्सर मांओं का यह सवाल रहता है कि वे अपने शिशु की इम्यूनिटी को कैसे बढ़ाएं? ऐसे में माता-पिता के लिए यह बहुत ज़रूरी हो जाता है कि वे अपने शिशु की इम्यूनिटी प्रणाली की निरंतर जांच करते रहें, ताकि वे स्वस्थ रहें.
शिशु की इम्यूनिटी के बढ़ने में मदद करने के लिए स्तनपान यानी ब्रेस्ट फीडिंग सबसे अच्छा तरीक़ा है. मां के दूध में ऐसे कई उपयोगी तत्व होते हैं, जो शिशु की इम्यूनिटी के लिए महत्वपूर्ण हैं, जैसे- प्रोटीन, वसा, शर्करा, एंटीबॉडी, प्रोबायोटिक्स. ये महत्वपूर्ण तत्व मां के एंटीबॉडी से शिशु को ब्रेस्ट फीडिंग द्वारा मिलता है.
टीकाकरण- मानक दिशानिर्देशों के अनुसार टीकाकरण यानी वैक्सीन देने से बच्चे को कई गंभीर बीमारियों से प्रभावी और सुरक्षित ढंग से बचाया जा सकता है.
साफ़-सफ़ाई का ख़ास ख़्याल रखें. फ़र्श पर पडी वस्तुओं या चीज़ों को छूने से बचाने के लिए शिशु पर बराबर ध्यान देते रहना ज़रूरी है, क्योंकि वे ख़तरनाक संक्रमण प्रसारित कर सकते हैं. हाथों को बार-बार धोने की आदत डालें, ख़ासकर भोजन से पहले और बाद में.
भरपूर नींद शिशु की इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करती है. अपर्याप्त नींद शरीर में साइटोकिन्स नामक प्रोटीन के उत्पादन करने की क्षमता को सीमित कर देती है, जो संक्रमण से लड़ने और सूजन को कम करने में मदद करती है. बच्चों को एक दिन में कम से कम 8-10 घंटे की नींद ज़रूर लेनी चाहिए.
शिशु की इम्यूनिटी प्रणाली लगातार बदल रही है. यह बाहरी ट्रिगर्स के मुक़ाबले अनुकूल और मज़बूत है. खाने की आदतों से उन्हें प्राकृतिक सुरक्षा बढ़ाने और संक्रमण से लड़ने में सक्षम बनाने में मदद मिलती है. पोषण संबंधी कमियों से उनकी इम्यूनिटी की प्रतिक्रिया में परिवर्तन होता है, जिससे संक्रमण का ख़तरा बढ़ जाता है. इसलिए संतुलित पोषण और सही आहार शिशु को संक्रमण से दूर रखने में मदद करते हैं.
नीचे कुछ पोषक तत्व दिए गए हैं, जो आपके शिशु की इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करेंगे-
एस्कॉर्बिक एसिड के रूप में जाना जानेवाला विटामिन सी खट्टे फल, जामुन, आलू और मिर्च में पाया जाता है. यह टमाटर, मिर्च और ब्रोकोली सहित प्लांट स्रोतों में भी पाया जाता है. विटामिन सी एंटीबॉडी के गठन को उत्तेजित करके इम्यूनिटी सिस्टम को मज़बूत करता है.
विटामिन ई एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है. फोर्टिफाइड अनाज, सूरजमुखी के बीज, बादाम, तेल (जैसे सूरजमुखी या कुसुम तेल), हेज़ल नट्स और पीनट बटर के साथ अपने शिशु के आहार में विटामिन ई जोड़ने से प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद मिलती है.
ज़िंक प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावी ढंग से काम करने में सहायता करता है. यह घाव भरने में भी मदद करता है. शिशु के लिए ज़िंक के स्रोत मीट, पोल्ट्री, समुद्री भोजन, दूध, साबुत अनाज, बीज और नट्स हैं.
प्रोटीन बच्चों की इम्यूनिटी के निर्माण खंड हैं, विशेष रूप से इलाज के लिए. समुद्री भोजन, लीन मीट, पोल्ट्री, अंडे, बीन्स और मटर, सोया उत्पाद और अनसाल्टेड नट्स और बीज जैसे प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों को जोड़ना इम्यूनिटी को बढ़ाने में मददगार होगा.
प्रोबायोटिक्स ऐसे जीवित सूक्ष्मजीव हैं, जो प्राकृतिक रूप से दही, किमची, सौकरकूट, मिसो जैसे खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं. इन सूक्ष्मजीवों को अच्छा या अनुकूल बैक्टीरिया के रूप में जाना जाता है, क्योंकि वे हानिकारक बैक्टीरिया को दूर रखते हैं और उन्हें आंत में बसने से रोकते हैं.
विटामिन ए, डी, बी 6, बी 12, तांबा, फोलेट, सेलेनियम और आयरनसहित अन्य पोषक तत्व भी इम्यूनिटी प्रक्रिया को मज़बूत करते हैं और आपके शिशु को इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं.
इम्यूनिटी शिशु की सेहत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ये बचपन से लेकर बड़े होने तक शिशु को विकसित होने और बढ़ने में मदद करते हैं.
ध्यान रहे जन्म से उपरोक्त सभी बातों पर ध्यान दिया जाए, शिशु के सही विकास और सेहतमंद रहने में मदद मिलती है. साथ ही यह वर्तमान कोविड-19 के इस वातावरण में बेहद ज़रूरी भी हो जाता है. इसलिए शिशु की सही देखभाल के साथ-साथ उसकी इम्यूनिटी को भी बढ़ाते रहें.
- ऊषा गुप्ता