बिग बी दो हफ़्तों से कोरोना के चलते अस्पताल में भर्ती हैं और इसी बीच उनका स्वास्थ्य भी बेहतर हो रहा है, लेकिन बिग बी के लिए भी यह अनुभव काफ़ी अलग और बहुत कुछ सिखा देने वाला रहा क्योंकि उन्होंने अपने ब्लॉग में ऐसी बातें शेयर की हैं जो बहुत कुछ सोचने को मजबूर के देती हैं.
उन्होंने लिखा है कि रात के अंधियारे और ठंडे कमरे की कंपकंपाहट में मैं गाता हूं.., आंखें नींद की कोशिश में बंद हैं. आसपास कोई नहीं है.
अमिताभ ने कोरोना के मेंटल हेल्थ कनेक्शन के बारे में बतायाकि यह बीमारी सिर्फ़ आपके शरीर को ही नहीं मन को भी प्रभावित करती है क्योंकि आप अकेले होते हो, सबसे दूर, एकदम तनहा. यहां तक कि चिकित्सक भी आपके सीधे सम्पर्क में नहीं आते. दूर से, ऑनलाइन ही आपसे बात करते हैं. हालाँकि इन हालातों में यह सबसे बेहतर तरीक़ा है. लेकिन आप कई दिनों तक लोगों को देख ही नहीं पाते. नर्स व डॉक्टर्स भी आते हैं तो पीपीई किट पहन कर रिमोट ट्रीटमेंट देकर चले जाते हैं. ये तमाम चीज़ें आपके मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालती हैं और ख़ासतौर से सेलेब को और प्रभावित करती है क्योंकि उन्हें फैंस से घिरे रहने की आदत होती है.
यही नहीं आपको आश्वासन देने और आपका हाथ थामने के लिए भी कोई नहीं होता. ठीक होने के बाद भी मरीज़ के मन में यह डर होता है कि लोग उनसे दूर भागेंगे क्योंकि लोगों को लगता है कि यह छुआछूत वाला रोग है. ऐसे में व्यक्ति भीड़ में और लोगों के बीच जाने से डरने लगता है. यही तमाम चीज़ें उसे अवसाद, निराशा और अकेलेपन में धकेल सकती हैं.
दुनियाभर की चिकित्सा प्रणाली कभी इतनी मजबूर नहीं थी.
ग़ौरतलब है कि अमिताभ ही नहीं अभिषेक, ऐश्वर्या और आराध्या भी कोरोना के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हैं. बिग बी का यह अनुभव एक नई समस्या की ओर इशारा करता है जिस पर ध्यान देना ज़रूरी है. लोगों को कोरोना का इलाज करा चुके लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए ना कि उनसे दूर भागना चाहिए.