- Entertainment
- Shopping
- Quiz
- Relationship & Romance
- Sex Life
- Recipes
- Health & Fitness
- Horoscope
- Beauty
- Shop
- Others
फिल्म रिव्यूः मलाल और वन डेः जस्...
Home » फिल्म रिव्यूः मलाल और वन डे...
फिल्म रिव्यूः मलाल और वन डेः जस्टिस डिलिर्व्ड (Film Review Of Malaal And One Day: Justice Delivered)

फिल्मः मलाल
कलाकार: शर्मिन सहगल, मीजान जाफरी, समीर धर्माधिकारी, अंकुश बिष्ट
निर्देशक: मंगेश हडावले
स्टारः 2.5
यह फिल्म 15 साल पहले बनी एक तमिल फिल्म का रीमेक है. इस फिल्म का हीरो शिवा (मीजान जाफरी) मुंबइया है. आमची मुंबई के इस मुलगे की मुलाकात होती है त्रिपाठी जी की बिटिया आस्था से (शर्मिन सहगल) से. मुफलिसी का मारा ये उत्तर भारतीय परिवार शिवा का पड़ोसी बनता है और फिर शुरू होती है तकरार, इजहार, इंकार और इसरार के मसालों में पगी एक प्रेम कहानी. अदाकारी की बात करें तो मीजान ने मराठी लड़के का किरदार निभाने के लिए काफ़ी मेहनत की है, जो फिल्म में साफ नजर आती है. कई जगहों पर वे बेहद प्रभावित करते हैं. शर्मिन को अभी मेहनत की ज़रूरत है. फिल्म का संगीत भी कुछ खास नहीं है. सिनेमैटोग्राफी व एडिटिंग कसी हुई है. लवस्टोरी के शौकीन एक बार फिल्म दे सकते हैं.
फिल्मः वन डेः जस्टिस डिलिर्व्ड
कलाकारः अनुपम खेर, ईशा गुप्ता, कुमुंद मिश्रा
निर्देशकः अशोक नंदा
स्टारः 2
यह फिल्म रिटायर्ड जज (अनुपम खेर) की कहानी है. जो रिटायर्मेंट के बाद बहुत सर्तक हो जाते हैं और उन अपराधियों का सजा दिलाने की कोशिश करते हैं जो सबूत के अभाव में अदालत से बरी हो गए थे. जज के रूप में त्यागी कानून के हाथों मजबूर होकर ऐसे अपराधियों को भी निर्दोष बताना पड़ा, जो उनके हिसाब से दोषी थे. एक घटना उन्हें पूरी तरह झकझोर देती है और रिटायर होने के बाद वे कानून को अपने हाथ में लेकर अपराधियों को सजा दिलाने का बीड़ा उठाते हैं. फिल्म की कहानी अच्छी है, मगर उसे सही तरह से प्रस्तुत करने में निर्देशक अशोक नंदा पूरी तरह चूक गए हैं. इंस्पेक्टर के रूप में कुमुंद मिश्रा ने अपने किरदार को बख़ूबी निभाया है. ईशा गुप्ता का भी काम अच्छा है. खराब निर्देशन के बावजूद अनुपम खेर ने अपना किरदार अच्छी तरह प्ले किया है.