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फूड अडल्ट्रेशन: सिंपल होम टेस्ट से पहचानें खाद्य पदार्थ में मिलावट को (Food Adulteration: How to identify adulterants in everyday food items at home)

इन सिंपल होम टेस्ट से जानें कि घर बैठे ही फूड आइटम्स को कैसे चेक करें और कैसे पता लगाएं कि आप जो चीज़ खा रहे हैं, वो कहीं मिलावटी तो नहीं?

जब किसी फूड आइटम की क्वालटी कम हो जाती है, तो उसे फूड अडल्ट्रेशन यानी खाद्य पदार्थों में मिलावट कहा जाता है. ऐसी स्थिति में या तो खाद्य पदार्थों में हानिकारक पदार्थ मिलाए जाते हैं या फिर अच्छी क्वालिटी वाले तत्वों की जगह सस्ते विकल्प इस्तेमाल किए जाते हैं. ये फूड अडल्ट्रेशन कई बीमारियों की वजह बन सकते हैं. चाहे मसाले हों या दूध, लगभग हर खाद्य पदार्थ में मिलावट की जाती है. अगर दूध में ज़्यादा पानी मिलाया जाता है, तो आप पहचान पाएंगे कि डेयरी उत्पाद में मिलावट है. मिलावटी खाद्य पदार्थों की पहचान करने के और भी तरीके हैं. आइए जानते हैं कि मिलावटी खाद्य पदार्थों की पहचान कैसे करें.

फूड अडल्ट्रेशन क्यों किया जाता है?

फूड अडल्ट्रेशन का मतलब खाद्य पदार्थों की क्वाालिटी को कम करने की प्रक्रिया से है, जिसमें या तो घटिया पदार्थ मिलाए जाते हैं या फिर उनमें से महत्वपूर्ण तत्व निकाल दिए जाते हैं, जिससे खाद्य पदार्थ खाने के लिए हानिकारक हो सकते हैं. यह आमतौर पर प्रॉफिट मार्जिन बढ़ाने या फूड आइटम्स की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए किया जाता है. शहद और दूध में अक्सर विक्रेता मिलावट करते हैं.

- खाद्य पदार्थों में हानिकारक या गैर-खाद्य पदार्थ मिलाना, जैसे दूध में पानी, मक्खन में स्टार्च या फूड आइटम का अपीयरेंस बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल कलर मिलाना.

- हाई क्वालिटी चीज़ों में सस्ती क्वाालिटी की चीज़ें मिलाना.

- वज़न बढ़ाने के लिए आटे में चॉक पाउडर या दालों में रेत और पत्थर जैसी चीज़ें मिलाना.

फूड अडल्ट्रेशन से हो सकती हैं ये हेल्थ प्रॉब्लम्स

* फूड अडल्ट्रेशन से सीरियस हेल्थ रिस्क हो सकते हैं, जो मामूली हेल्थ प्रॉब्लम्स से लेकर गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम तक हो सकते हैं.

* 2023 में फूड्स जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, मिलावटी भोजन खानेवाले लोगों में डायरिया, हृदय रोग, एलर्जिक रिएक्शन, उल्टी और डायबिटीज़ जैसी बीमारियां हो सकती हैं.

* फूड पॉइज़निंग और डाइजेशन संबंधी प्रॉब्लम्स भी हो सकते हैं.

* भोजन से आवश्यक पोषक तत्वों को हटाने या उन्हें गैर-पोषक पदार्थों से बदलने से शरीर में कई तरह की डेफिशिएंसी और कुपोषण भी हो सकता है.

घर पर फूड अडल्ट्रेशन की पहचान कैसे करें?

1. दूध

* दूध को किसी प्लेन सतह पर रखें. अगर दूध तेज़ी से नीचे बह जाता है, तो इसका मतलब है कि इसमें पानी की मिलावट है. अगर दूध रुक-रुक कर गिरे, तो पानी की मिलावट कम है.

* दूध को जोर से हिलाएं. अगर यह गाढ़ा झाग बनाता है, तो इसमें डिटर्जेंट हो सकता है.

* दूध में स्टार्च की मिलावट है या नहीं, ये चेक करने के लिए 5 मि.ली. दूध में दो चम्मच नमक या आयोडीन मिला दें. अगर दूध का रंग नीला हो जाए, तो इसका मतलब है कि दूध में स्टार्च की मिलावट है.

शहद

* एक कांच के गिलास में पानी लेकर एक चम्मच शहद डाल दें. अगर शहद पानी की तली में बैठ जाता है, तो वो असली है. अगर यह पानी में घुल जाता है, तो इसका मतलब शहद नकली है.

* पेपर पर कुछ बूंदें शहद की डालें. अगर शहद को पेपर सोख लेता है, तो यह नकली है, लेकिन अगर पेपर के ऊपर शहद अपनी जगह पर ही जस का तस जमा है, तो शहद शुद्ध है.

हल्दी और लाल मिर्च पाउडर

* हल्दी पाउडर को गीले सफेद कपड़े या पेपर पर रगड़ें. शुद्ध हल्दी हल्के पीले रंग का दाग छोड़ती है, जबकि मिलावटी हल्दी गहरे चमकीले पीले रंग का दाग छोड़ेगी.

* हल्दी पाउडर को गर्म पानी में डालें. शुद्ध हल्दी तुरंत नीचे बैठ जाती है और पानी साफ रहता है. अगर पानी का रंग पीला हो जाए या हल्दी घुल जाए तो यह मिलावट का संकेत है.

* एक गिलास पानी में थोड़ा सा मिर्च पाउडर डालकर एक मिनट के लिए छोड़ दें. अगर इसमें आपको एक लाल लकीर नजर आती है, तो इसका मतलब है कि पाउडर में कलर मिक्स किया गया है.

चाय और कॉफी

* एक गिलास पानी में थोड़ी-सी चाय पत्ती डालें. यदि पत्ती ऊपर तैरती है, तो वह असली है. यदि यह नीचे बैठ जाती है या रंग छोड़ती है, तो वह मिलावटी हो सकती है.

* शुद्ध चाय पत्ती का रंग एक समान होता है. यदि चाय पत्ती में रंगीन धब्बे या दाग हैं, तो यह मिलावटी हो सकती है.

* एक गिलास पानी में एक चम्मच कॉफी पाउडर डालें. यदि कॉफी पाउडर ऊपर तैरता है, तो यह असली है. यदि यह नीचे बैठ जाता है या रंग छोड़ता है, तो यह मिलावटी हो सकती है.

* कॉफी पाउडर को हाथों से रगड़ें. यदि यह पाउडर जैसा लगता है, तो यह असली है. यदि यह खुरदरा लगता है, तो इसमें मिलावट हो सकती है.

फल और सब्जियां

* रूई के बॉल को पानी या वेजीटेबल ऑयल में डुबोकर सब्जियों पर रब करें. अगर रूई का रंग बदलता है, तो सब्ज़ी में मिलावट है.

* सेब, पपीता, संतरा, अनार जैसे फलों की ख़रीदारी करते समय इन्हें हल्का-सा खुरचकर ज़रूर देखें. अगर फल पर मोम की लेयरिंग होगी, तो साफ़ पता चल जाएगा.

* केले पर पानी की कुछ बूंदें डालें. अगर पानी का रंग ब्राउन हो जाए, तो इसका मतलब है कि केले को पकाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया गया है.

आटा

* एक कटोरी में आटा लें और उसमें नींबू के रस की कुछ बूंद डालें. अगर उसमें बुलबुले उठते हैं, तो समझ जाएं कि उसमें चॉक पाउडर मिलाया गया है.

* एक कप में पानी लें और उसमें आटा डालकर रख दें. अगर आटा ऊपर तैरने लगे, तो समझ जाएं कि आटे में मिलावट की गई है.

कुकिंग ऑयल

* नारियल के तेल को थोड़े समय के लिए रेफ्रिजरेट करें. प्योर नारियल तेल जम जाता है, जबकि मिलावटी तेल लिक्विड ही रहता है.

* अन्य तेल को चेक करने के थोड़-सा तेल लेकर हथेली पर रब करें. शुद्ध तेल तुरंत अब्ज़ॉर्ब हो जाता है.

* मिलावटी तेल अक्सर गर्म करने पर बहुत ज़्यादा झाग बनाते हैं. अगर तेल से शुरुआत में ही बहुत ज़्यादा धुआं निकलता है, तो यह मिलावट का संकेत है.

बटर

* पिघलाकर देखें. असली बटर पिघलने पर एक समान रूप से पिघल जाता है और इसमें कोई अवशेष नहीं बचता है. यदि बटर में मिलावट है, तो यह असमान रूप से पिघलेगा और नीचे कुछ अवशेष छोड़ देगा.

* इसके अलावा शुद्ध बटर जल्दी पिघल जाता है, जबकि मिलावटी बटर को मेल्ट होने में टाइम लगता है.

* असली बटर का रंग हल्का पीला होता है. यदि बटर का रंग बहुत गहरा पीला या नारंगी है, तो यह मिलावटी हो सकता है.

* असली बटर का स्वाद हल्का नमकीन और क्रीमी होता है. यदि बटर का स्वाद कड़वा या अजीब है, तो यह मिलावटी हो सकता है.

फूड अडल्ट्रेशन के लिए कितनी सजा का है प्रावधान?

एफएसएसएआई के नियमों में खाद्य पदार्थों या खाद्य उत्पादों में मिलावट करने वाले व्यक्तियों के लिए निम्नलिखित विभिन्न सज़ा का प्रावधान है:

- किसी भी खाद्य पदार्थ का आयात, निर्माण, भंडारण, बिक्री या वितरण जो मिलावटी है, उसकी गुणवत्ता या शुद्धता निर्धारित मानक से कम है, या गलत ब्रांड है, या अधिनियम या नियमों के किसी प्रावधान का उल्लंघन करता है, तो इस अपराध के लिए 6 माह से लेकर 3 साल तक की सज़ा हो सकती है.

स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न होने वाले किसी भी मिलावटी पदार्थ का आयात, निर्माण, भंडारण, बिक्री या वितरण्। दंड न्यूनतम छह महीने का कारावास है जो 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है और न्यूनतम 1000 रुपये का जुर्माना है।

- किसी खाद्य निरीक्षक को नमूना लेने या उसके प्रयोग से रोकने पर न्यूनतम छह महीने का कारावास, जो 3 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, तथा न्यूनतम 1000 रुपए का जुर्माना हो सकता है।

- किसी भी खाद्य पदार्थ के संबंध में लिखित रूप में गलत वारंटी देने पर 6 माह से लेकर 3 साल तक की सज़ा हो सकती है. न्यूनतम 1000 रुपये का जुर्माना भी है.

- किसी भी मिलावटी खाद्य पदार्थ या स्वास्थ्य के लिए हानिकारक किसी भी मिलावटी पदार्थ का आयात, निर्माण, भंडारण, बिक्री या वितरण कानून के तहत दंडनीय है. दंड न्यूनतम एक वर्ष का कारावास है जो 6 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और न्यूनतम 2000 रुपये का जुर्माना है.

- किसी भी ऐसे खाद्य पदार्थ की बिक्री या वितरण जिसमें कोई जहरीला या स्वास्थ्य के लिए हानिकारक तत्व शामिल हो, जिससे मृत्यु या गंभीर शारीरिक क्षति होने की संभावना हो, तो इसके लिए न्यूनतम तीन वर्ष का कारावास जो आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है और न्यूनतम 5000 रुपये का जुर्माना है.

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