1- धीरे-धीरे 4 सेकेंड तक नाक से सांस लें.
2- 7 सेकेंड तक सांस रोककर रखें.
3- 8 सेकेंड तक धीरे-धीरे मुंह से सांस छोड़ें.
यह किस तरह काम करता है?
हम बताते हैं कि यह किस तरह काम करता है. जब हम तनावग्रस्त या चिंतित होते हैं तो हमारे शरीर में रक्त में एड्रेनालाइन नामक हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है और सांसें तेज़ और हल्की हो जाती हैं. यह ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ सीडेटिव की तरह काम करता है. धीरे-धीरे सांस लेने से दिल की घड़कन भी कम होती है, जिससे हम मिनटों में शांत हो जाते हैं. यह सामान्य मनोविज्ञान है. यह एक्सरसाइज़ दिमाग़ को भी शांत करता है, क्योंकि आपका पूरा ध्यान सांसों को कंट्रोल करने में लग जाता है. आपको पता नहीं चलता, लेकिन उस दौरान आपका नर्वस सिस्टम अपनी ऐक्टिविटी को कम कर देता है, जिससे तनाव गायब हो जाता है और पूरा शरीर रिलैक्स हो जाता है. आपको शायद विश्वास न हो, लेकिन इस एक्सरसाइज़ की गति व प्रभाव एनीस्थिसिया की तरह होता है. यह विधि भारतीय योगाचार्यो द्वारा सदियों से प्रयोग में लाई जाती रही है और इसकी पुष्टि के लिए हावर्ड मेडिकल डॉक्टर एंड्रू वेल ने पड़ताल करके पुष्टि की. मेडिटेशन की प्रक्रिया के दौरान शरीर को पूरी तरह रिलैक्स करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है. यह पूरी तरह सुरक्षित है.
यह किस तरह आपकी मदद करेगा?
अगर रात में अचानक किसी कारण आपकी नींद खुल जाए तो फिर नींद न आए तो इस ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ को आज़माएं. इसी तरह किसी कंप्टीशन, एग्ज़ाम या इंटरव्यू में जाने से पहले अगर आप नर्वस हों तो इसे ट्राई करें. 4-7-8 मेथर्ड निश्चित तौर पर आपको फायदा पहुंचाएगा.
सोने से पहले शरीर व दिमाग़ को शांत करने के लिए
1/4 टेबलस्पून शहद
1/8 टेबलस्पून सेंधा नमक
1 टेबलस्पून नारियल तेल
को मिक्स करके घोंट लें या गुनगुने पानी से डालकर पीएं. यह न स़िर्फ स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है, बल्कि नींद में बाधा पहुंचानेवाले कोर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन के स्राव को भी कम करता है.
ये भी पढ़ेंः फिट तो हिट: खेल अगर धर्म है, तो फिटनेस पूजा है… बॉक्सर अखिल कुमार
ये भी पढ़ेंः हिचकी रोकने के 11 स्मार्ट ट्रिक्स
Link Copied
