क्यों होता है कब्ज़?
- कब्ज़ यानी कॉन्स्टिपेशन होने की कई वजहें हो सकती हैं, जिसमें सबसे आम है हमारी लाइफस्टाइल. समय पर न खाना, कुछ भी खा लेना आदि से ये समस्या हो सकती है.
- पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने की वजह से या शरीर में पानी की कमी होने से.
- नींद पूरी न होने पर या ज़्यादा सोने से
- ज़्यादा कैफीनयुक्त पेय, जैसे- चाय, कॉफी की वजह से.
- कई प्रकार की दवाओं की वजह से.
- कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान कब्ज़ की शिकायत हो जाती है. इस दौरान प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन के कारण आंतों की गति धीमी हो जाती है.
- जंक फूड या ऑयली खाना खाने से.
- निष्क्रिय जीवनशैली.
- पार्किंसन और डायबिटीज़ की वजह से,
- स्ट्रेस, डिप्रेशन
- फैट्स या शुगर वाले आहार से भी कब्ज़ की समस्या होती है.
- खाने को अच्छे से चबाकर न खाने से भी कब्ज़ की प्रॉब्लम हो सकती है.
- थायरॉइड हार्मोन की कमी की वजह से मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है.
- धूम्रपान, अल्कोहल का अधिक सेवन.
- डायजेस्टिव सिस्टम के नर्व्स और मसल्स में प्रॉब्लम की वजह से क्रोनिक कब्ज़ की शिकायत हो सकती है.
कब्ज़ की वजह से होने वाली दूसरी समस्याएं
- एसिडिटी, गैस की समस्या
- बेचैनी या जी घबराना
- सिरदर्द, पेटदर्द
- पाइल्स
- नींद में कमी आदि
कैसे छुटकारा पाएं कब्ज़ से?
ख़ूब पानी पीएं
- कई बार पाचनक्रिया में गड़बड़ी होने की वजह से कब्ज़ की समस्या होती है. पाचनक्रिया को दुरुस्त करने के लिए दिन में कम से कम 8 से 10 ग्लास पानी पीएं.
- खाना खाते समय या खाना खाने के तुरंत बाद पानी न पीएं. आधे घंटे रुक कर पानी पीएं.
फाइबर
- जब भी कॉन्स्टिपेशन की समस्या हो तब आहार में फाइबरयुक्त आहार को शामिल करें.
- फाइबरयुक्त आहार मल को मुलायम बनाता है और ये आसानी से बाहर निकल जाता है.
- बीन्स, ताज़े फल और सब्ज़ियों, ओट्स और साबूत अनाज में भरपूर फाइबर पाया जाता है.
- फाइबर आंतो में से पानी को सोख लेता है, जिससे मल सॉफ्ट हो जाता है.
शरीर का एक चक्र होता है. शरीर की बातें और ज़रूरते समझें. बॉडी रिदम और हार्मोन्स सुबह उठते ही प्राकृतिकतौर पर बॉवेल मूवमेंट को ट्रिगर करते हैं. ऐसे में सुबह उठते ही इस ज़रूरत को समझें और बाथरूम जाएं. मल त्याग का प्रेशर आने पर उसे अवॉइड न करें.
व्यायाम
- कब्ज़ से छुटकारा पाने के लिए फिज़िकल ऐक्टिविटी बेहद ज़रूरी है.
- तेज़ चलने, दौड़ने, सीढ़ियां चढ़ने-उतरने से कोलोन में संकुचन पैदा होता है, जिससे मल आसानी से बाहर आ जाता है.
- साइकिलिंग, रस्सी कुदना, स्विमिंग, रनिंग आदि भी लाभदायक होता है.
- नियमित योग करने से भी आप फिट रहेंगे और कब्ज़ की शिकायत नहीं होगी.
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प्रोबायोटिक्स
- आहार में अगर गुड बैक्टीरिया को शामिल किया जाए, तो कब्ज़ से काफ़ी हद तक राहत मिलेगी.
- प्रोबायोटिक्स बॉवेल मुवमेंट्स को बढ़ा देता है.
- सबसे असरदार गुड बैक्टीरिया फरमेन्टेड डेयरी प्रोडक्ट्स, जैसे- दही आदि में होते हैं.
कब्ज़ से राहत पहुंचाने के घरेलू नुस्ख़े ( Natural Home Remedies For Constipation )
- मुनक्का कब्ज़ में बेहद फ़ायदेमंद होता है. रात को मुनक्का भीगाकर रख दें. सुबह मुनक्का खा जाएं, हो सके तो उसका पानी भी पी लें. इससे काफ़ी आराम मिलेगा.
- त्रिफला पाउडर भी कब्ज़ से आराम दिलाता है. रात में एक छोटा चम्मच त्रिफला चूर्ण गर्म पानी या दूध के साथ लें.
- सुबह उठकर गुनगुना पानी पीने से भी कब्ज़ से राहत मिलती है.
- खाना आराम से चबाकर खाएं. इससे लार खाने में अच्छे से मिल जाएगा और उसमें मौजूद एंज़ाइम्स खाने को आसानी से पचा देती है.
- रात का खाना खाने के बाद तुरंत बेड पर सोने न चले जाएं. 10 से 15 मिनट तक वॉक करें.
- रात को सोते समय एक चम्मच शहद को एक ग्लास पानी में मिलाकर पीने से भी कब्ज़ की शिकायत कुछ ही दिनों में ख़त्म हो जाती है.
- अलसी के बीज में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है. रोज़ सुबह गुनगुने पानी का साथ या फिर खाना खाने के बाद मुखवास की तरह इसका सेवन किया जा सकता है.
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