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रिसर्च- क्या वाकई स्त्री-पुरुष का मस्तिष्क अलग होता है? (Research- Is The Mind Of A Man And Woman Different?)

यह तो हम सभी जानते हैं कि स्त्री-पुरुष की सोच में फ़र्क़ होता है, लेकिन यह व्यावहारिक तौर पर होने के साथ-साथ उनकी शारीरिक संरचना के कारण भी होता है. शोधों से भी यह बात साबित हुई है. इन्हीं पहलुओं पर एक नज़र डालते हैं.  Man And Woman कहते हैं ऊपरवाले ने तो मनुष्य को एक ही तरह के स्वभाव के तहत बनाया था. लेकिन धीरे-धीरे सामाजिक दबाव, परिवर्तन, कहीं पुरुषों द्वारा महिला को कमतर समझना, दोनों की प्राथमिकताओं व अधिकार में अंतर आदि के चलते दोनों के बीच बहुत कुछ बदलता चला गया. यह तो रहा सामाजिक व व्यावहारिक दृष्टिकोण, जिसे देख हम कह सकते हैं कि महिला-पुरुष का दिलोदिमाग़ व सोच अलग-अलग होती है. शारीरिक संरचना बहुत कुछ कहती है... हाल ही में किए गए रिसर्च ने यह साबित कर दिया है कि स्त्री-पुरुष दोनों के मस्तिष्क व सोच में अंतर होता ही है. साथ ही महिलाएं पुरुषों से थोड़ी अधिक समझदार और संतुलित होती हैं. * शोध के अनुसार, पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों में अधिक दिमाग़ होता है. जहां वे अधिक एकाग्र होती हैं, वहीं ग़ुस्से, उत्तेजना, ध्यान आदि में भी ज़्यादा एक्टिव होती हैं. * इस शोध में हाव-भाव, मूड व व्यवहार का बदलना, मनोवैज्ञानिक समस्याएं आदि को लेकर स्त्री-पुरुष पर कई प्रयोग किए गए. * इसमें शारीरिक बनावट में सबसे महत्वपूर्ण फ़र्क़ यह देखा गया कि स्त्रियों के मस्तिष्क की बनावट में तंतु बाएं से दाएं और दाएं से बाएं की ओर जाते हुए दोनों ही तरह से एक-दूसरे से जुड़ते हैं. जबकि पुरुषों में मस्तिष्क की बनावट में आगे से पीछे की ओर बढ़ते हुए दोनों हिस्से तंतुओं की सहायता से एक-दूसरे से जुड़ते हैं. * जहां महिलाओं के दिमाग़ में न्यूरॉन कोशिकाओं को संभालनेवाला हिस्सा, ग्रे मैटर अधिक होता है, वहीं पुरुष के दिमाग़ में तंत्रिका तंतु की संख्या ज़्यादा होती है. यह भी पढ़ेये उम्मीदें, जो हर पत्नी अपने पति से रखती है (Things Wife Expect From Husband) * रिसर्च करनेवालों का मानना है कि स्त्री-पुरुष दोनों के मस्तिष्क की बनावट में इस अंतर के कारण ही दोनों एक ही तरह की स्थिति में अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया देते हैं. और उनकी सोच, स्वभाव और कार्यशैली में भी फ़र्क़ देखने को मिलता है. * दिलचस्प बात यह भी देखने को मिली कि मस्तिष्क की संरचना के कारण ही पुरुषों में व्यावहारिकता अधिक पाई जाती है, जो उन्हें सिचुएशन के हिसाब से डील करने में मदद करती है. इसके विपरीत स्त्रियां अधिक इमोशनल व सेंसिटिव होती हैं. * पुरुषों का दिमाग़ उन्हें स्मार्ट, चालाक, कैलक्युलेटिव बनाने में सहायता करता है. लेकिन स्त्रियां दिमाग़ की बजाय दिल को अधिक महत्व देती हैं. वे हर पहलू पर सोचती-विचारती हैं. वे स्थिति को समझते हुए विषय की गंभीरता का आकलन करती हैं, उसके बाद ही कोई निर्णय लेती हैं. * हमारे समाज में जहां शुरुआती दौर से ही पुरुषों की ही प्रधानता रही है, वहां महिलाओं को हर समय उनसे कमतर आंका गया है, जिसके चलते स्त्री-पुरुष के अधिकारों और उनकी प्राथमिकताओं को लेकर बहस भी हुई. कहीं ना कहीं यह बहस उनके दिमाग़ी संतुलन और मस्तिष्क से संबंधित अन्य विषयों के साथ जुड़ती गई. * दोनों में मौजूद दिमाग़ी व सोच की असमानताओं के कारण अंग्रेज़ी में तो एक कहावत भी मशहूर है कि मैन आर फ्रॉम मार्स एंड वूमेन आर फ्रॉम वीनस अर्थात् स्त्री व पुरुष दो अलग-अलग ग्रह से आए हैं, पर क्या आप जानते हैं कि वैज्ञानिकों ने भी इस बात पर अपनी मुहर लगा दी है कि हो सकता है कि वाकई ये दोनों अलग-अलग ग्रह के निवासी हों. * पुरुषों और महिलाओं के मस्तिष्क की आपसी तुलना के बाद यह सामने आया है कि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में सहानुभूति, सहयोग, आत्मनिर्भरता, चीज़ों को नियंत्रण में करना, मुसीबतों में अधिक धैर्य रखना आदि गुण पुरुषों की अपेक्षा अधिक होते हैं. * एक रिसर्च से यह बात भी सामने आई है कि पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों का दिमाग़ अधिक एक्टिव रहता है. इस शोध में 46,034 मस्तिष्कों का अध्ययन किया गया. कुछ दिलचस्प पहलू - पुरुषों का ब्रेन स्त्रियों के ब्रेन की अपेक्षा दस प्रतिशत बड़ा होता है. - ब्रेन को दर्द नहीं होता है. यानी ब्रेन का ऑपरेशन हो, तो एनिस्थिसिया की ज़रूरत नहीं होती, पर स्काल्प के लिए एनिस्थिसिया ज़रूरी होता है. - दिन की अपेक्षा रात में हमारा ब्रेन अधिक एक्टिव रहता है. - दिमाग़ पांच साल तक 95% बढ़ता है व 18 तक 100% विकसित हो जाता है, उसके बाद बढ़ना रुक जाता है. यह भी पढ़ेपुरुषों में होते हैं महिलाओं वाले 10 गुण (10 Girly Things Men Do And Are Proud To Admit) - दिमाग़ में हर दिन औसतन 60,000 विचार आते हैं. - हंसते समय हमारे दिमाग़ के क़रीब पांच हिस्से एक साथ कार्य करते हैं.

- ऊषा गुप्ता

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