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मॉनसून डायट: रखें इन बातों का ख़्याल (Monsoon Diet: Keep These Things In Mind)

बारिश के खुशगवार मौसम में अगर खानपान संबंधी इन बातों का ध्यान रखेंगे, तो आप न किसी बीमारी की चपेट में आएंगे और न ही आपको किसी तरह का संक्रमण होगा और आप बेझिझक मॉनसून का पूरा मज़ा ले सकेंगे. बस इस मौसम में इन फूड आइटम्स से परहेज़ करें.

स्ट्रीट फूड
भीगा मौसम… गरम-गरम चाय का कप… और साथ में हो रोड साइड बिकनेवाली चटपटी और मज़ेदार आलू टिक्की, कुरकुरे पकौड़े, क्रिस्पी कबाब-कटलेट और पानीपूरी की प्लेट… नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. बरसात के दिनों में सड़क के किनारे मिलने वाले ये फूड्स सेहत को ख़राब कर सकते हैं.
क्यों करें परहेज़? - सड़क के किनारे मिलनेवाले स्नैक्स और फूड्स असल में साफ़-सुथरे और स्वच्छ तरी़के से नहीं बने होते हैं. और न ही इन स्नैक्स को बनाने के लिए साफ़ पानी और शुद्ध तेल का इस्तेमाल होता है.

  • बचे हुए फूड्स और तेल को भी दोबारा यूज़ किया जाता है, जो कि अनहेल्दी है.
  • कुकिंग की जगह भी साफ़ और स्वच्छ नहीं होती, ऐसे वातावरण में जर्म्स और बैक्टीरिया पनपते हैं.
  • कच्चे और कटे हुए फल और सब्ज़ियां ऐसे ही खुले पड़े रहते हैं, जिन पर धूल-मिट्टी, मच्छर-मक्खियां, किटाणु बैठे रहते हैं.

दे सकते हैं ये बीमारी: टायफाइड, हैजा, डायरिया, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, फूड पॉइजन.

हेल्दी टिप: बेहतर होगा कि घर के बने हुए हाइजेनिक और टेस्टी स्नैक्स का मज़ा लें.

हरी पत्तेदार सब्ज़ियां

पौष्टिकता का पावरहाउस कही जाने वाली हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, जैसे- पालक, पत्तागोभी, मेथी और फूलगोभी को पकाने से पहले अच्छी तरह साफ़ करने और धोने की ज़रूरत होती है.

क्यों करें परहेज़? नमी और गंदे वातावरण में इन सब्ज़ियों को रखने के कारण इनमें मिट्टी और कीड़े-मकोडे चिपके हुए होते हैं. इसलिए बरसात के मौसम में हरी पत्तेदार सब्ज़ियों को खाने से पहले अच्छी तरफ साफ़ कर लें और 4-5 बार ज़रूर धोएं.

दे सकते हैं ये बीमारी: पैरासाइटिक इंफेक्शन (अधपका नॉनवेज खाने से होने वाला संक्रमण), पेट और पाचन संबंधी बीमारियां.

हेल्दी टिप: - यदि संभव हो तो अपने किचन गार्डन में उगाई आर्गेनिक सब्ज़ियां खाएं.

  • नल के साफ़ बहते हुए पानी से कम-से-कम 4-5 बार सब्ज़ियों को धोएं.
  • पकाने से पहले उबाल लें और अच्छी तरह पकाएं.
  • इस सीजन में सोयाबीन-मूंगदाल-उड़द दाल और रूट्स वेजीटेबल्स- गाजर, मूली
    और आलू खाना सुरक्षित है.

सीफूड

असल में ये सीज़न अधिकतर मछलियों और अन्य समुद्री जानवरों का ब्रीडिंग सीज़न होता है और इस दौरान मार्केट में मिलने वाले सीफूड फ्रेश नहीं होते हैं.

क्यों करें परहेज़? लगातार बारिश के कारण नदी-नाले गंदे पानी से भर जाते हैं. जगह-जगह पानी जमा हो जाता है, जिसके कारण मछलियों और दूसरे समुद्री जानवर में बैक्टीरिया और टॉक्सिन्स पनपने लगते हैं. इन्हें खाने पर फूड पॉइजनिंग हो सकती है. दूसरा कारण है कि वातावरण में नमी होने के कारण इनके जल्दी ख़राब होने की संभावना होती है.

दे सकते हैं ये बीमारी: फूड पॉइजनिंग, डायरिया और आंतों का संक्रमण.

हेल्दी टिप: इस मौसम में नॉन वेज खाने का बहुत मन कर रहा है, तो अच्छी और साफ़-सुथरी जगह से ख़रीदा हुआ फ्रेश मटन और चिकन खाएं. घर में लाने के बाद साफ़ पानी से धोकर और अच्छी तरह से पका कर खाएं.

पहले से कटे हुए फल और सलाद

सड़क के किनारे मिलनेवाले कटे हुए फल और सलाद को दुकानदार न तो साफ़- सफ़ाई से काटते हैं और न ही सही तरह से ढंककर रखते हैं. बारिश के मौसम में पहले से काटकर रखे फल और सलाद खाने से सेहत बिगड़ सकती है.

क्यों करें परहेज़? किसी भी फल और सलाद को काटकर रखने से उसके जल्दी ख़राब होने की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि मक्खियां, कीड़े-मकोड़े, बैक्टीरिया, धूल और नमी के कारण कटे हुए फल और सलाद बैक्टीरिया के प्रजनन की जगह बन सकते हैं.

दे सकते हैं ये बीमारी: डायरिया, फूड पॉइजनिंग और पेट का इंफेक्शन.

हेल्दी टिप: सड़क किनारे मिलनेवाले स्नैक्स और कटे हुए फल-सलाद इस मौसम में खाने से बचें. कटे हुए फल और सब्ज़ियां भूलकर भी न ख़रीदें. घर पर लाने के बाद फल और सब्ज़ियों को अच्छी तरह से धोकर ही खाएं.

तला हुआ भोजन
बरसात के दिनों में गरमागरम भजिया या समोसे जैसे फ्राइड स्नैक्स खाने का बड़ा मन करता है. लेकिन बता दें कि फ्राइड स्नैक्स पाचन तंत्र को नुक़सान पहुंचाते हैं. इन्हें बहुत अधिक मात्रा में खाने से गैस और एसिडिटी जैसी तकलीफें होती हैं, ख़ासकर बारिश के मौसम में इन्हें खाने से बचना चाहिए.

क्यों करें परहेज़? इस मौसम में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण पाचन तंत्र और मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और फ्राइड फूड पचने में अधिक समय लेता है, जिस से पेट फूलने, एसिडिटी और अपच की तकलीफ होती है.

दे सकते हैं ये बीमारी: एसिडिटी, अपच, पेट फूलना और पाचन संबंधी अन्य समस्याएं.

हेल्दी टिप: समोसे और भजिया की जगह भुने हुए चने, पॉपकॉर्न, उबले हुए कॉर्न, भुने हुए मखाने, रोस्टेड नट्स, मूंगफली, गुड़-चना आदि स्नैक्स खाएं.

कार्बोनेटेड ड्रिंक्स
कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पीने के बाद शरीर में ठंडक का एहसास होता है, लेकिन ये सेहत के लिए हानिकारक होते हैं. प्यास बुझाने के लिए कार्बोनेटेड ड्रिंक आख़िरी विकल्प नहीं है, इनकी बजाय गरम-गरम दूध. कॉफी और सूप आदि पीएं.

क्यों करें परहेज़: कार्बोनेटेड ड्रिंक्स खाना पचानेवाले एंजाइम्स की गति को धीमा कर देते हैं और पेट फूलने और गैस का कारण बनते हैं. इन कार्बोनेटेड ड्रिंक्स में जीरो न्यूट्रीशन होता है और शुगर की मात्रा भी अधिक होती है.

दे सकते हैं ये बीमारी: गैस, पेट फूलना और गैस्ट्रिक प्रॉब्लम्स.

हेल्दी टिप: हर्बल टी, जिंजर टी, ग्रीन टी, होममेड सूप और सादा उबला और फ़िल्टर किया हुआ पानी.

मॉनसून में सेहत को ठीक रखने के लिए हेल्दी टिप्स

  • दूषित पानी से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए 8-10 ग्लास उबला और फिल्टर किया हुआ पानी पीएं.
  • खाने से पहले, बाहर से और बाथरूम से आने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह धोएं.
  • खाने को सही तापमान पर पकाएं, ताकि हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट हो जाएं.
  • घर का बना खाना हुआ ताज़ा और गरम खाना खाएं. खाना पकाते समय स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें.
  • इस मौसम में इम्युनिटी बढ़ानेवाली चीज़ें खाएं, जैसे- दालचीनी, कालीमिर्च, अदरक, लहसुन, हल्दी, रसीले फल और मौसमी सब्ज़ियों को अपने डायट में शामिल करें.
  • कोशिश करें कि इस मौसम में बाहर कम खाएं. अगर बाहर जाकर खा भी रहे हैं, तो ऐसी जगह पर जाएं, जहां हाइजीन जहां हाइजीन ख़्याल रखा जाता है.
  • बेला शर्मा

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