फिल्म- भूत पुलिस
कलाकार- सैफ अली खान, अर्जुन कपूर, यामी गौतम, जैकलीन फर्नांडीज, जावेद जाफरी, जेमी लीवर, अमित मिस्त्री, राजपाल यादव
निर्देशक- पवन कृपलानी
रेटिंग- *** 3
जब फिल्म 'भूत पुलिस' का ट्रेलर रिलीज हुआ था, तब यह तय हो गया था कि यह फिल्म मनोरंजन से भरपूर लोगों को खूब हंसाएगी और गुदगुदाएगी. सैफ अली खान ने तो कमाल ही कर दिया.
सैफ अली खान और अर्जुन कपूर भाई हैं. दोनों तांत्रिक हैं. तंत्र मंत्र करते रहते हैं और लोगों को भूत-प्रेत से मुक्ति देते रहते हैं. उन्हें यह ज्ञान विरासत में मिला है. उनके पिता भी तांत्रिक थे और उन्होंने पांच हज़ार साल पुरानी एक किताब उन्हें दी है, जिससे कि वे तंत्र-मंत्र की विद्या को समझ सके. मगर मजेदार बात यह है कि किताब की जो भाषा है, वह भाइयों के समझ से परे है. ऐसे में सैफ और अर्जुन उसे कितना समझ पाते यह तो फिल्म देख कर ही आप जान पाएंगे.
वैसे विभूति यानी सैफ अली मस्तमौला और थोड़े लंपट किस्म के इंसान है. वे भूत-प्रेत में विश्वास नहीं करते. केवल पैसे कमाना और लोगों को बेवकूफ़ बनाकर पैसे ऐंठना उनका काम है. उनका यह मानना है कि जब तक अंधविश्वास और यह भूत-प्रेत, चुड़ैल जैसी बातें रहेंगी, तब तक उनका यह व्यापार फलता-फूलता रहेगा और चलता रहेगा. लेकिन इसके विपरीत उनके छोटे भाई चिरौंजी यानी अर्जुन कपूर ऐसा नहीं मानते. वह इस विद्या में विश्वास करते हैं और वे थोड़े सीधे और भोले भी हैं. उन्हें पूरा विश्वास है कि उनके पिता की दी गई प्राचीन किताब और ज्ञान उन्हें आगे बढ़ाएगा और दोनों भाई बहुत कुछ कर पाएंगे.
पिता के देहांत के बाद सैफ ने ही अपने छोटे भाई की परवरिश की. दोनों में आपस में काफी प्रेम भी है, तो मतभेद भी हैं. लेकिन यही फिल्म को खास भी बनाती है.
सैफ-अर्जुन अपने इस तंत्र-मंत्र के काम को आगे बढ़ाई रहते कि उन्हें एक दिन माया जो यामी गौतम इस किरदार में हैं, मिलने के लिए आती हैं. उनके हिमाचल प्रदेश की फैक्ट्री पर एक प्रेतनी का साया है. वे और गांववाले काफी परेशान हैं. उनके पिता के देहांत के बाद इस फैक्ट्री को वह संभाल रही हैं. लेकिन उस चुड़ैल के कारण कुछ भी ठीक नहीं हो पा रहा है. उसने हुड़दंग मचा रखा है. उससे मुक्ति के लिए वे दोनों भाइयों से मदद मांगती है. साथ ही यह भी बताती हैं कि 27 साल पहले उनके पिता ने ही एक बार उस चुड़ैल को काबू में करके लोगों को मुक्ति दिलाई थी. पर एक बार फिर वह वापस आ गई है. माया को विश्वास है कि उनके दोनों बेटे विभूति-चिरौंजी इस काम को कर सकेंगे और गांववालों को प्रेत आत्मा से छुटकारा दिला सकेंगे.
विभूति को माया अंडे देने वाली मुर्गी यानी पैसे ऐंठने का ज़रिया लगती है, वहीं चिरौंजी सोचता है कि कैसे भी करके गांववालों को इस चुड़ैल से छुटकारा दिलाया जाए. दोनों भाई जब माया के साथ आते हैं, तो पता चलता है कि उसकी एक बहन कनिका भी है, जिसकी भूमिका जैकलीन फर्नांडिस ने निभाई है. जैकलिन भूत प्रेत में कोई विश्वास नहीं करती है. वह चाहती कि उसके पिताजी की प्रॉपर्टी का हिस्सा मिल जाए और वह विदेश जाकर ऐशोआराम की जिंदगी जिए, जबकि यामी की सोच अलग है.
क्या विभूति-चिरौंजी गांववालों को उस चुड़ैल से मुक्ति दिला पाते हैं या केवल अपने पैसे बनाकर नौ दो ग्यारह हो जाते हैं. यह फिल्म देखने पर ही जान पाएंगे.
अभिनय की बात करें, तो पूरी फिल्म में सैफ छाए हुए हैं. उनका बेफिक्र अंदाज़ और अलग तरीके कॉमेडी लोगों को खूब हंसाता है. वहीं अर्जुन थोड़े से संजीदा किस्म के लगे हैं, मगर उन्होंने अपने भाई का भरपूर साथ दिया है. यामी और जैकलिन भी अपने-अपने भूमिकाओं में खरी उतरी हैं. उनके लिए करने के लिए कम काम था, मगर फिर भी उन्होंने रोल की लंबाई के हिसाब से ठीक-ठाक एक्टिंग की. पुलिस की भूमिका में जावेद जाफरी दिलचस्प अंदाज़ में नज़र आए. वैसे भी उनकी कॉमेडी पंच तो लोगों को पसंद आती रही है और यहां भी उन्होंने खुद को खरा साबित किया. फिल्म का ख़ास आकर्षण जॉनी लीवर की बेटी जेमी लीवर भी रही हैं. उन्होंने लाजवाब कॉमेडी की है और खूब हंसाया भी है. उनका यह अंदाज़ लोगों को ख़ूब पसंद आया. अमित मिस्त्री ने भी प्रभावित किया. राजपाल यादव छोटे से रोल में ठीक-ठाक रहे.
फिल्म के निर्देशक पवन कृपलानी, जिन्होंने रागिनी एमएमएस और फोबिया जैसी डरावनी बेहतरीन फिल्म बनाई है, लेकिन यहां पर उन्नीस साबित हुए. लेकिन फिर भी उन्होंने हल्के-फुल्के ढ़ग से डर को भी हंसी के साथ दिखाया, उनका यह ट्रीटमेंट दर्शकों को पसंद भी आया.
सचिन जिगर का संगीत बढ़िया है. फिल्म में दो गाने हैं और दोनों ठीक ठाक हैं. दो घंटे की फिल्म भूत पुलिस लोगों का भरपूर मनोरंजन करती है, साथ ही यह भी बताती है एक अच्छी कहानी पर इस तरह की फिल्म भी बनाई जा सकती है. सैफ अली खान के फैंस को यह फिल्म बेहद पसंद आएगी इसमें कोई दो राय नहीं. रही बात अर्जुन कपूर, यामी गौतम और जैकलीन फर्नांडिस की, तो उनके प्रशंसकों को भी निराशा हाथ नहीं लगेगी.
पहले यह फिल्म 17 सितंबर को रिलीज़ होनेवाली थी, पर अचानक फिल्म के निर्माता रमेश तौरानी और अर्जुन पुरी ने निर्णय लेकर फिल्म को एक हफ़्ते पहले ही ले आए. डिजनी हॉटस्टार के ओटीटी प्लेटफार्म पर यह फिल्म रिलीज हो गई है और लोगों का भरपूर इंटरटेनमेंट भी कर रही है.
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