यह जो उम्र है
वह रोज़ बढ़ रही है
एक दिन यह इतनी बड़ी हो जाएगी
कि ख़्वाब देखना छोड़ देगी
सौभाग्य है मेरा कि
अभी मेरे पास जीने का
ख़्वाब है
सोचता हूं कि
इससे पहले कि
उम्र गुज़र जाए
क्यों न अपने हाथों
तुम्हारे हथेली पर
मेहंदी सजा दूं
अपने पसंद की बिंदी लगा दूं
तुम्हारे माथे पर
कोई गजरा सजा दूं
तुम्हारे बालों में
छोटी-छोटी गोल बालियां पहना दूं
तुम्हारे कानों में
तुम्हारे घने बालों को
दो भागों में बांट कर
चोटियां बना लाल रिबन बांध दूं
क्यों न तुम्हारे गले में
हल्के गुलाबी मोतियों की माला डाल दूं
अभी तुम्हें यह कहने की उम्र कहां बीती है कि
सुनो अपनी आंखों में काजल लगा लो
वो हल्के पिंक कलर की लिपस्टिक लगा लेना
तुम उसमें
बहुत सुंदर दिखती हो
और हां
देखो ये जो बादामी कलर का सूट है
आज इसे ही पहन लेना
यह कलर तुम्हारे पर
बहुत फबता है
इसके साथ लैगिंग कंट्रास्ट वाली ही पहनना
वो जो थोड़ा ब्राउन है
तुम्हारे पैरों में
लैदर की लाइट ब्राउन
कलर की कैजुअल चप्पल
स्पोर्ट्स शू से कहीं अधिक अच्छी लगती है
हां वो बिना घुंघरू के पतली से डोर वाली पायल
मुझे बांधने देना
देखो कंधे पर
वो हल्का मीडियम साइज़ का बैग टांगना
वो एक बांह मोड़ कर
जैसे कंधे पे रख लेती हो कभी व-कभी
और हां
चश्मा वही ट्रांसपेरेंट वाला पहनना
एक बात और
वह जो तुम्हारी नेचुरल स्माइल है
वह मेरे लिए दिल से मांग कर
चेहरे को दे देना
भोलापन कहीं छुपने मत देना
आवाज़ की मिठास
बस मेरे लिए रखना
और बोलते हुए
जो तुम्हारे चेहरे पर
लाली उतरती है
मैं नहीं चाहता
वह मेरे सिवा कोई और देखे
अपनी आंखों से कहना
बात करते हुए
मेरी आंखों में बसी रहें
जिससे एक एक लम्हा
मेरे दिल में उतर जाए
तुम्हें क्या पता कि
तुम्हारी इन पलकों के नीचे
अपने ख़्वाबों की
कितनी ही शामें
गुज़ारी हैं मैंने
इससे पहले कि ये उम्र
ख़्वाब देखना बन्द कर दे
मुझे अपने ख़्वाबों को
जीने की इजाज़त दे दो
जानता हूं कि
मेरी बातें बस बातें हैं
किसी दीवाने की बातें
पर क्या करूं ये दीवानगी
ये ख़्वाब ये जज़्बात
मुझे बड़ा नहीं होने देते
और मैं तमाम उम्र बस
इसी तरह तुम्हारे साथ
जीता चला जाता हूं
उम्र को पीछे छोड़ कर…
- शिखर प्रयाग
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