नई मांएं जहां अपने नन्हे शिशु को लेकर उत्साहित रहती हैं, वहीं शिशु की देखभाल को लेकर सचेत भी रहती हैं. आज जब कोरोना के समय संक्रमण यानी इन्फेक्शन में वृद्धि हो रही है, तो ऐसे में नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों को लेकर अधिक सावधानी बरतने की ज़रूरत है, जैसे- आसपास स्वच्छता रखना, शिशु के लिए इस्तेमाल होनेवाली चीज़ो को सही तरीक़े से धोना व साफ़ करना आदि.
शिशु की इम्यूनिटी जन्म के कुछ समय बाद तक इतनी विकसित नहीं हुई होती कि जिससे उसको इन्फेक्शन या एयरबोर्न डिज़ीज़ से लड़ने की ताकत हो, ऐसे में पैरेंट्स को ख़ास ध्यान रखना चाहिए की शिशु के आसपास का वातावरण सुरक्षित रहे.
जब शिशु चलने या खेलने योग्य हो जाता हैं, तो वह सतहों को छूता है और लगभग हर चीज़ को अपने मुंह में डालता हैं, जिससे उसको संक्रमण एवं रोगों का ख़तरा बढ़ जाता है. ऐसे में शिशु के लिए पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आर्ट्सना इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के चीफ एक्जीक्युटिव राजेश वोहरा ने कई उपयोगी उपाय बताएं. ऐसे ही कुछ सुझाव हैं, जो माता-पिता को अपने शिशु को स्वस्थ एवं सुरक्षित रखने मे मदद करेंगे.
अपने हाथों और अपने शिशु के हाथों को नियमित रूप से धोना कीटाणुओं को फैलने से रोकने का सबसे अच्छा एवं सरल तरीक़ा है. इसलिए घर पर हर कोई अपने हाथों को निरंतर धोता और सैनिटाइज़ करता रहे, जैसे- शिशु को छूने से पहले, खाना बनाने या खिलाने से पहले, बाथरूम का उपयोग करने के बाद या डायपर बदलने के बाद, बाहर से आने के बाद, साथ खेलने के बाद या पालतू जानवरों की देखभाल करने के दौरान, किसी ऐसे व्यक्ति की देखभाल करना जो घर पर बीमार हो आदि.
साबुन, हैंड सैनिटाइज़र और साफ़ तौलिए घर में हमेशा उपलब्ध रहें, इसका ध्यान रखें.
शिशु के हाथों को पोंछते समय, त्वचा पर किसी भी प्रकार की कठोरता से बचने के लिए हल्के कपड़े या नरम रुई का इस्तेमाल करें.
किचन एक ऐसी जगह है, जहां शिशु के खाने की बहुत सारी तैयारी होती है, इसलिए इसे साफ़ और अच्छी तरह से व्यवस्थित करना सबसे ज़रूरी है. सबसे महत्वपूर्ण यह है कि किचन के शेल्फ, अन्य सतहों और फ़र्श को कीटाणुओं और इस तरह के संक्रमण से बचाने के लिए साबुन और पानी या डिसइंफेक्टेंट क्लीनर स्प्रे से अच्छी तरह से साफ़ रखें.
शिशु के साथ की दिनचर्या में व्यस्त होने के कारण पैरेंट्स अक्सर उनकी वस्तुओं को, जैसे- दूध की बोतल, टीथर, खिलौने, खाने के बर्तन इत्यादि सैनिटाइज़ करना भूल सकते हैं. ये चीज़ें शिशु के छोटे से वातावरण का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उन्हें पूरी तरह से स्वच्छ एवं बैक्टीरियारहित रखना बहुत ज़रूरी है.
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इनमें से लगभग सभी उत्पादों का प्रयोग शिशु के लिए होता है. वह अक्सर खिलौने अपने मुंह में डालते हैं और अगर ये चीज़ें ठीक से साफ़ नहीं हो या कीटाणुरहित नहीं हो, तो वे बीमार हो सकते हैं. इसलिए माता-पिता को अपने शिशु को किसी भी माइक्रोबियल परिशोधन से बचाने के लिए शिशु को खिलानेवाली, जैसे- बोतल, चम्मच, बर्तन आदि को उपयोग के बाद अच्छी तरह से धोना और कीटाणुरहित करना चाहिए.
पैरेंट्स को शिशु के सामान, फलों और सब्ज़ियों को स्वच्छ रखने के लिए विशेष रूप से बनाया गया डिसइन्फेक्टेंट ही उपयोग करना चाहिए. आजकल इन सब को मात्र पानी से धोना काफ़ी नहीं है. बैक्टीरिया और कीटाणुओं को ख़त्म करने के लिए एक अच्छे डिसइंफेक्टेंट का इस्तेमाल करना चाहिए. इसे ख़रीदते समय अभिभावकों को एक ऐसे डिसइंफेक्टेंट का चुनाव करना चाहिए, जो विशेष रूप से शिशु की वस्तुओं के लिए बनाया गया हो और एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों से युक्त हो.
शिशु अपना समय रात में ज़्यादातर बिस्तर या पालने में बिताता है, इसलिए उनके आसपास की जगह को साफ़ एवं सुरक्षित रखना ज़रूरी है. सप्ताह में दो बार क्रिब शीट्स को बदलना एवं गर्म पानी में धोना चाहिए.
बच्चों के कपड़ो को विशेष रूप से शिशु के कपड़ों के लिए बनाए गए लांड्री डिटर्जेंट से ही धोएं. खेलते समय बच्चे विभिन्न वस्तुओं और सतहों को छूते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनके कपड़े पर धूल और कीटाणु को जम जाते हैं, इसलिए केवल शिशु के कपड़ों के लिए बनाए गए लांड्री डिटर्जेंट का ही उपयोग करें, तो बेहतर है. ये ज़िद्दी दाग़ व गंध हटाने में कारगर होते हैं. इसके साथ-साथ डिटर्जेंट में कम-से-कम 99 % रोगाणुओं का नाश करने की क्षमता होनी चाहिए, इसका भी ख़्याल रखें. शिशु की त्वचा कोमल होती है, इसलिए शिशु के कपड़ों को डर्मटोलॉजिकली टेस्टेड अथवा केमिकलरहित डिटर्जेंट से ही धोना चाहिए.
जिस कमरे में शिशु सोता है या खेलता है, वहां हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए घर में एक ह्यूमिडिफायर रखें. सूखी हवा शिशु के स्वास्थ्य के लिए समस्याओं का प्रमुख कारण है. नाक के संक्रमण से लेकर गले में खराश तक, जो वे आपको बता भी नहीं सकते हैं और रूखी त्वचा और फटे होंठों से लेकर कुछ मामलों में सांस लेने तक की समस्या उत्पन्न हो सकती है. इन चिंताओं का निवारण करने के लिए, वातावरण में सही ह्यूमिडिटी होना बहुत आवश्यक है, क्योंकि यह नाक और रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के प्राकृतिक सुरक्षात्मक कार्यों को बनाए रखने में मदद करता है. एक ह्यूमिडिफ़ायर हवा में बहुत आवश्यक नमी जोड़ता है. शिशु को कम्फर्ट देता है. उनकी हेल्थ के अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करता है, जिससे शिशु को सांस लेने और आराम से सोने में मदद मिलती है. साथ ही उसे खांसी और सर्दी जैसे लक्षणों से भी राहत मिलती है.
अपने शिशु की सुरक्षा एवं स्वास्थय के लिए अपने घर में धूल को जमा न होने दें. धूल और एलर्जी एक साथ आती है, इसलिए घर को यथासंभव साफ़ रखना महत्वपूर्ण है. एक लंबा डस्टर आपको उन कोनों में जाने में सहायता करेगा, जहां रोज़ सफ़ाई नहीं हो पाती है, जबकि एक छोटा कपड़ा सतहों को धूलमुक्त रखने के लिए एकदम सही है.
कमरे को अच्छी तरह से हवादार रखने से वायु की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिल सकती है, जो विशेष रूप से शिशु सके लिए महत्वपूर्ण है. आपका घर साफ़ ज़रूर होगा, पर हवा तब तक ताज़ा महसूस नहीं हो सकती है, जब तक कि बाहर से सुबह की हवा घर में ना आए. ऐसे में कमरे की खिड़कियां खोलने से सुबह की हवा व धूप कमरे में एक अच्छा वातावरण देती है, जो शिशु के लिए लाभदायक है.
- ऊषा गुप्ता