एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला सुलझने का नाम ही नहीं ले रहा और लगातार उलझता ही जा रहा है. हालांकि सुशांत केस में सीबीआई फुल एक्शन में नजर आ रही है और सभी संदिग्धों से लगातार पूछताछ और सभी जरूरी तहकीकात कर रही है. सीबीआई के पास सुशांत सिंह की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फॉरेसिंक जांच रिपोर्ट भी आ गई है. लेकिन फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स को विसरा या पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी गड़बड़ी की आशंका लग रही थी, इसलिए फॉरेन्सिक एक्सपर्ट ने सुशांत के बचे हुए विसरा को जांच के लिए भेजा है और विसरा रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है.
हालांकि मुम्बई पुलिस सुशांत के विसरा के करीब 80 फीसदी नमूने पहले ही जांच में इस्तेमाल कर चुकी है और अब सीबीआई के फोरेंसिक एक्सपर्ट को जांच के लिए 20 फीसदी बचे हुए विसरा के नमूने पर ही निर्भर रहना होगा.
लेकिन आखिर आखिर ये विसरा है क्या, ये क्यों किया जाता है, और इसके क्या फायदे हैं, आइए जानते हैं .
क्या है विसरा जांच?
यदि किसी व्यक्ति का शव देखने पर उसकी मृत्यु संदिग्ध लगने या उसे जहर देने की आशंका हो, तो उस व्यक्ति का विसरा सुरक्षित रख लिया जाता है. आसान शब्दों में कहें, तो किसी व्यक्ति की मौत के बाद मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए मृतक के शरीर के कुछ आंतरिक अंगों जैसे कि फेफड़ा, किडनी, आंत को सुरक्षित रखा जाता है, इसे विसरा कहते हैं.
किस अंग को कितना सुरक्षित रखा जाता है
किस अंग को कितनी मात्रा में सुरक्षित रखना है, यह भी निश्चित होता है.
- मृतक के शरीर से 100 ग्राम खून, 100 ग्राम पेशाब
- 500 ग्राम लीवर
- सभी तरफ से किडनी का आधा भाग
- जहर से मौत की आशंका हो तो हड्डी और नाखूनों के कुछ भाग को सुरक्षित रखा जाता है.
किन मामलों में विसरा जांच की जाती है?
बीमार होने के अलावा अगर किसी की मौत जलने से, जहर पीने से, गोली लगने, गला रेतने, करंट लगने, रेप या डूबने से होती है, तो इन हालात में शक के आधार पर पुलिस की मांग पर विसरा का सैंपल सुरक्षित रखा जाता है. इसे सेचूरेटेड सॅाल्ट सोल्यूशन में सुरक्षित रखा जाता है, जिससे बाद में जांच करने पर मौत के सही कारण का पता किया लगाया जा सके.
कैसे की जाती है जांच?
ज़रूरत पड़ने पर विसरे को जांच के लिए केमिकल एक्जामिनर के पास भेजा जाता है. जांच में यह पता लगाया जाता है कि मौत किस तरह और किस कारण से हुई थी. इसके अलावा उसकी मौत किस समय हुई, बताई किस समय गई, अंगों का रंग, कोशिकाओं की सिकुड़न, पेट में मिले खाने के अवशेष के आधार पर कई तरह की अहम जानकारी उपलब्ध कराई जाती है.
एम्स कर रही है सुशांत के पोस्टमार्टम और विसरा जांच
फिलहाल एम्स के फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉक्टर सुधीर गुप्ता की अगुवाई वाली टीम सुशांत की पोस्टमार्टम एवं विसरा रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है और संभावना है कि कल यानी शुक्रवार तक एम्स सीबीआई को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी. लेकिन मीडिया रिपोर्टों के अनुसार एम्स के डॉक्टरों के पैनल ने सीबीआई से सुशांत मौत मामले की जांच 'हत्या' के एंगल से करने के लिए कह दिया है, जिससे ये आशंका सच में बदलती नज़र आ रही है कि सुशांत का मामला आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या का ही है.
फिलहाल सीबीआई ने सुशांत मामले में अपनी जांच में और तेजी लाई है और वह सुशांत मामले के संदिग्धों नीरज, सिद्धार्थ पिठानी एवं अन्य संदिग्धों से लगातार पूछताछ कर रही है. समझा जा रहा है कि एम्स की फॉरेंसिक रिपोर्ट सामने आ जाने के बाद सीबीआई को इस केस को सुलझाने में काफी मदद मिलेगी.