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प्लास्टिक के साइड इफेक्ट्स (Avoid Plastic: Side-Effects You Must Know)

जाने-अनजाने में ही प्लास्टिक (Plastic) की बनी चीज़ें हमारे जीवन की अभिन्न हिस्सा बन गई हैं, पर इससे होनेवाले ख़तरों (Dangers) को अनदेखा नहीं किया जा सकता. यदि समय रहते हमने प्लास्टिक का इस्तेमाल (Use of Plastic) कम नहीं किया, तो हमें भविष्य में इसके ख़तरनाक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. Side Effect Of Plastic क्या आप उन लोगों में से हैं, जो प्लास्टिक टिफिन में लंच ले जाते हैं या अपनी कार में प्लास्टिक बॉटल में पानी भरकर रखते हैं? क्या आप भी प्लास्टिक के बर्तनों के शौक़ीन स़िर्फ इसलिए हैं कि वो ज़्यादा चलते हैं, टूटते नहीं हैं व आसानी से इसकी देखरेख हो सकती है? या आप उन लोगों में से हैं, जो माइक्रोवेव में प्लास्टिक के बर्तन में खाना गर्म करते हैं... अगर इनमें से एक या सभी सवालों के जवाब ‘हां’ है तो संभल जाएं, क्योंकि प्लास्टिक का इतना अधिक इस्तेमाल आपके शरीर को और पर्यावरण को बीमार बना सकता है. हेल्थियंस फर्म से जुड़ी डॉ. धृति वत्स यहां हमें बता रही हैं कि प्लास्टिक हमारे लिए किस तरह घातक है और इसके दुष्परिणाम से कैसे बचा जा सकता है. प्लास्टिक के साइड इफेक्ट्स * घातक डाइऑक्सिन केमिकल प्लास्टिक बॉटल, पैक्ड फूड, डिब्बे आदि में आसानी से घुल जाती है व शरीर में हार्मोन व कोशिकाओं पर सीधे दुष्प्रभाव डालती है. * प्लास्टिक की बॉटल बिसफिनॉल से बनी होती है, जो शरीर में पहुंचकर शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करती है, ख़ासकर दिमाग़ की नसों को. इसके अलावा यह स्मरणशक्ति को भी कमज़ोर करती है. * इससे पेट भी ख़राब होता है और अपच, कब्ज़ की समस्या बनी रहती है. * यदि प्लास्टिक की बॉटल्स को लंबे समय तक न धोएं, तो इसमें हानिकारक बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं. यदि प्रेग्नेंट महिलाएं इस तरह के बॉटल से पानी पीती हैं, तो ये बैक्टीरिया भ्रूण को क्षतिग्रस्त भी कर सकते हैं. * प्लास्टिक का लंबे समय तक इस्तेमाल कैंसर की वजह भी बन सकता है. रिसर्च के अनुसार प्लास्टिक से 32 तरह के कैंसर हो सकते हैं. * प्लास्टिक के कप में चाय या कोई भी गर्म पेय पीना नुक़सानदायक है. इसमें उच्च मात्रा में बीपीए होता है, जिसके कारण शुक्राणुओं का उत्पादन कम होने लगता है. इससे पुरुषों में इंफर्टिलिटी की समस्या होने लगती है. * प्लास्टिक के कप में चाय पीने से इम्यूनिटी प्रभावित होती है. प्रजनन व मस्तिष्क के विकास में बाधा उत्पन्न होती है. * यह इंसुलिन के उत्पादन के लिए ज़िम्मेदार एल्फा कोशिकाओं को भी प्रभावित करता है, जिसके कारण शरीर में ग्लूकोज़ का लेवल प्रभावित होता है. * प्लास्टिक पैक्ड फूड गर्मी, धूप, अन्य तरीक़ों से गर्म होने पर कई तरह के विषैले केमिकल्स छोड़ते हैं, जो हमें बीमार बनाते हैं. * प्लास्टिक बर्तन के इस्तेमाल से बच्चों में भूख की कमी, मानसिक तनाव, शारीरिक ग्रोथ में बाधा के साथ-साथ कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. यह भी पढ़े: कैंसर से जु़ड़े 17 एेसे तथ्य, जो आपको जानने चाहिए ( 17 Important And Interesting Facts About Cancer)
हेल्थ अलर्ट
- लो क्वालिटी के प्लास्टिक की वस्तुएं बाज़ार में मौजूद हैं, जिनके उपयोग से बचें. यदि ज़रूरी ही हो, तो हमेशा सुरक्षित मानक मार्कवाले प्लास्टिक वस्तुएं ही लें. - प्लास्टिक बर्तनों की जगह तांबे, स्टील, चीनी मिट्टी, कांच, लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल करना अधिक सेफ रहता है. - टूथब्रश भी तीन महीने में बदल दें, क्योंकि पुराना टूथब्रश भी दांतों के लिए हानिकारक होता है. - बच्चों के पानी व दूध के बॉटल, स्कूल टिफिन आदि के लिए प्लास्टिक की बजाय स्टील के टिफिन, बॉटल आदि का इस्तेमाल अधिक करें. - गर्भवती महिलाएं प्लास्टिक के बर्तनों व वस्तुओं का इस्तेमाल बिल्कुल न करें.
ये न करें
* कभी भी एक बार इस्तेमाल करने के बाद उसी प्लास्टिक की बॉटल में दोबारा पानी न पीएं. * चाय, कॉफी, सूप, गर्म पानी, गर्म पेय, गर्म भोजन तथा अन्य तरह के गर्म खाने-पीने की वस्तुओं के लिए प्लास्टिक के ग्लास, कटोरी, प्लेट्स, कप, बर्तन आदि का उपयोग न करें. * पॉलीथीन में खाने-पीने की चीज़ें पैक न करें. * छोटे बच्चों को प्लास्टिक की बॉटल से दूध न पिलाएं. * बच्चों के मुंह में प्लास्टिक के खिलौने, रबर टीथर जैसी चीज़ें न दें, क्योंकि प्लास्टिक के खिलौने, वस्तुएं बच्चों के मुंह में जाने से दांत, मसूड़ों व सेहत को नुक़सान पहुंच सकता है. * गर्मी के मौसम में प्लास्टिक के जूते-चप्पल न पहनें, क्योंकि प्लास्टिक फुटवेयर का दुष्प्रभाव आसानी से त्वचा के माध्यम से शरीर पर होता है. यह भी पढ़े: लघु उद्योग- चॉकलेट मेकिंग- छोटा इन्वेस्टमेंट बड़ा फायदा (Small Scale Industry- Chocolate Making- Small Investment Big Returns)
इन बातों का भी ख़्याल रखें
- प्लास्टिक का चयन ध्यान से करें. यदि आप भोजन पैक करने के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं, तो स़िर्फ बीपीए फ्री बॉक्स और बॉटल का इस्तेमाल करें. - माइक्रोवेव में प्लास्टिक के इस्तेमाल को पूरी तरह से बंद कर दें. - सिंथेटिक कपड़ों से बचकर रहें. ये भी प्रायः प्लास्टिक के रिफाइंड और केमिकली ट्रीटेड स्वरूप ही होते हैं. - शॉपिंग के लिए अपने पास कपड़े का बैग रखें, इससे पर्यावरण पर प्लास्टिक का बोझ भी कम होगा. - कचरा फेंकने के लिए विघटित हो जानेवाला (बायो डिग्रेडेबल) काला पॉलीथीन इस्तेमाल करें. - शरीर से बीपीए के अवशेष बाहर करने के लिए शरीर को डिटॉक्स करें. - भोजन में हल्दी, राई, आंवला और ताज़े हरे धनिया का इस्तेमाल करें, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में होते हैं. अतः अपने घर में प्लास्टिक के इस्तेमाल को नियंत्रित करें और जहां तक संभव हो सके, इनके प्रयोग से बचकर रहें. ध्यान रहे, आपकी थोड़ी-सी सावधानी निश्‍चित रूप से इस स्थिति में बदलाव ला सकती है.

- ऊषा गुप्ता

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