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बर्थ एनीवर्सरी: साहस, ऊर्जा व प्रेरणा के प्रतीक स्वामी विवेकानन्द को नमन! (Birth Anniversary: Swami Vivekanand…. Power of Youth)
उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाए... स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekanand) ने हम सबको जागरूक करने और ऊर्जावान बने रहने के लिए हमेशा ही प्रेरित किया है... और आज भी वो हमारे बहुत बड़े प्रेरणास्रोत हैं. उनके जन्मदिवस पर उनको नमन!
उन्हें मात्र एक आध्यात्मिक गुरु कहना सही नहीं होगा, वे अपने आप में संपूर्ण ज्ञान, ऊर्जा व प्रेरणा थे. समाज को जागरूक करने में उनकी अहम् भूमिका हमेशा सुनहरे पन्नों में दर्ज रहेगी.
12 जनवरी 1863 में जन्मे स्वामी जी का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था. उनके पिताजी प्रख्यात वकील थे. कॉन्वेंट में पढ़े स्वामी जी बचपन से ही काफ़ी जिज्ञासु थे और उनकी इसी जिज्ञासा ने उन्हें ईश्वर को समझने व सनातन धर्म को जानने की दिशा में आगे बढ़ाया.
शिकागो में दिया उनका भाषण आज भी सबके बीच प्रसिद्ध है, जहां उन्होंने भारत व सनातन धर्म का इतनी संवेदनशीलता व गहराई से प्रतिनिधित्व किया था कि हम सब आज भी गौरवांवित महसूस करते हैं.
रामकृष्ण परमहंस के इस प्रिय शिष्य ने हमें धर्म को देखने का एक नया व वैज्ञानिक नज़रिया दे दिया. यही वजह है कि उनका नाम आते ही हम एक अलग ही अनुभूति से गुज़रते हैं.
उनके जन्मदिवस को युवा दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है.