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‘हार्ट ऑफ एशिया’ ताइवान के लिए एक्सक्लूसिव ट्रैवेल गाइड

हार्ट ऑफ एशिया के नाम से मशहूर इस देश में चारों ओर विविधताओं का भंडार है. कहीं दूर-दूर तक फैले पहाड़ और झीलें प्राकृतिक छटा बिखेरती हैं, तो कहीं बड़ी-बड़ी इमारतें और स्मारक पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. जहां एक ओर यहां के संग्रहालयों में इस देश के संपन्न इतिहास की झलक देखने को मिलती है, तो वहीं दूसरी ओर हाई स्पीड ट्रेन इनके आधुनिक अस्तित्व को दुनिया के सामने प्रस्तुत करती हैं. ताइवान की ऐसी ही कुछ ख़ूबियों और लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स की यहां हमने एक झलक दी है.

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फो गुआंग शैन बुद्धा मेमोरियल सेंटर

 
आधुनिकता व प्राचीनता का संगम, पूर्व और पश्‍चिम की संस्कृति और सभ्यता की झलक लिए फो गुआंग शैन बुद्धा मेमोरियल सेंटर के मुख्य हॉल में चार स्तूप हैं, जो बोध गया के महाबोधी मंदिर की याद दिलाते हैं. भगवान बुद्ध की विशाल मूर्ति पर्यटकों को सम्मोहित कर देती है. इस सेंटर में भगवान बुद्ध की जीवनगाथा, बौद्ध धर्म को दर्शाती आर्ट गैलरीज़, फो गुआंग शैन का ऐतिहासिक म्यूज़ियम, बौद्ध धर्म से जुड़े त्योहारों आदि की मनोहर झलक देखने को मिलती है. चाइनीज़ पैलेस स्टाइल में बनी यहां की इमारतें पर्यटकों को काफ़ी लुभाती हैं. यहां मौजूद 8 पगौड़ा भगवान बुद्ध के पवित्र मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं. तालाब के बीचोबीच बने दो मंज़िला गुंबजदार इमारतें यहां की पवित्र शांति को पर्यटकों के दिलों में उतार देती हैं. मानसिक शांति की तलाश में अक्सर लोग यहां आते हैं. अगर आप भी भगवान बुद्ध की जीवनी, उनके ज्ञान और शिक्षा को समझना चाहते हैं, तो यहां एक बार ज़रूर आएं.
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तायपेई 101

 
दुनिया की सबसे ऊंची इमारत का ख़िताब सालों तक अपने नाम 1रखनेवाली तायपेई 101 ताइवान की मशहूर स्काई हाई है. 508 मीटर लंबा यह टावर ताइवान का फाइनेंशियल सेंटर है, जिसमें 101 फ्लोर हैं. हालांकि इसमें कुल 106 फ्लोर हैं, पर 5 फ्लोर अंडरग्राउंड हैं, इसलिए यह 101 के नाम से ही मशहूर है. 2003 में बना यह टावर 2004 से 2010 तक दुनिया का सबसे ऊंचा टावर रहा है. यह टावर कितना ऊंचा होगा, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 30 किलोमीटर दूर पहाड़ियों से भी इस टावर को देखा जा सकता है.
इस टावर में कुल 50 एलिवेटर्स हैं, जो 1010 मीटर/प्रति मिनट की स्पीड से चलते हैं. इस टावर में एंटी-अर्थक्वेक स्ट्रक्चर्स का इस्तेमाल किया गया है, ताकि किसी भी तरह के भूकंप के झटकों को यह आसानी से सह सके. दुनिया की सबसे ऊंची इमारत के लिए 2011 में इसे यूएस ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल के लीडरशिप इन एनर्जी एंड एंवायरन्मेंटल डिज़ाइन की तरफ़ से प्लेटिनम सर्टिफिकेट दिया गया.
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