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ग़ज़ल- मेरी तन्हाई (Gazal- Meri Tanhai)

Gazal- Meri Tanhai   जो महफ़िलें रुलाती मुझे हैं उनसे अच्छी मेरी तन्हाई है जो महफ़िलें इल्ज़ाम लगाती हैं उनसे अच्छी मेरी तन्हाई है उसने जज़्बातों से खेला खिलौनों की तरह हम यकीं करते रहे उन पर दीवानों की तरह अब दोस्त भी दुश्मनों-सा मिजाज़ रखते हैं ऐसी भीड़ से अच्छी मेरी तन्हाई है कभी यादों के ख़ज़ाने से हसीं का तोहफ़ा लाती है कभी आंखों में आंसुओं के समंदर भर जाती है जैसी भी है बस मेरी है दुनिया से अच्छी मेरी तन्हाई है... - ऋतु गांगुली मेरी सहेली वेबसाइट पर ऋतु गांगुली की ग़ज़ल को हमने अपने वेबसाइट में शामिल किया है. आप भी अपनी कविता, शायरी, गीत, ग़ज़ल, लेख, कहानियों को भेजकर अपनी लेखनी को नई पहचान दे सकते हैं… यह भी पढ़े: Shayeri [amazon_link asins='9385193430,B0063EDKRC,B075RYX7D2,1482814552' template='ProductCarousel' store='pbc02-21' marketplace='IN' link_id='f5a3f268-07fe-11e8-92bb-696a356b0e20']

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