गोल्डन ईयर 2016: महिला खिलाड़ियों के नाम रहा ये साल (Golden year 2016 : it was for Indian women player)
Share
5 min read
0Claps
+0
Share
साल 2016 भारतीय खेल जगत के लिए गोल्डन ईयर साबित हुआ. इस साल भारतीय खिलाड़ियों ने ज़बर्दस्त प्रदर्शन किया. वैसे पुरुष खिलाड़ियों से ज़्यादा महिला खिलाड़ियों ने इस साल कमाल दिखाया. रियो ओलिंपिक में तिरंगे के मान-सम्मान को बनाए रखने की बात हो या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का लोहा मनवाने का जज़्बा, इस साल भारतीय महिलाएं विश्व खेल जगत में भारत का मस्तक ऊंचा रखने में अपने साथी पुरुष खिलाड़ियों से कहीं आगे रहीं. भारत को इस साल रियो में स़िर्फ दो पदक मिले और ये दोनों पदक देश को महिला खिलाड़ियों ने ही दिलाए.पी वी सिंधु
बैडमिंटन में पी. वी. सिंधु ने पहली बार देश को सिल्वर मेडल दिलाया. वह किसी भी ओलिंपिक स्पर्धा में रजत पदक जीतनेवाली देश की पहली महिला खिलाड़ी भी बन गईं.
साक्षी मलिक
जब रियो में एक-एक करके भारतीय खिलाड़ी देश को निराश कर रहे थे और गेम से बाहर हो रहे थे, तब देश की इस बेटी साक्षी मलिक ने देश की झोली में पहला पदक डाला. साक्षी ने कुश्ती में कांस्य पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया. कुश्ती में ओलिंपिक में पदक जीतनेवाली साक्षी देश की पहली महिला पहलवान बनीं.
सानिया मिर्ज़ा
2016 भारतीय टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्ज़ा के नाम रहा. इस साल उनकी उपलब्धियों ने उन्हें पद्म भूषण सम्मान दिलाया. इतना ही नहीं टाइम मैगज़ीन ने सानिया को 2016 की 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया. इस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन का महिला डबल खिताब भी सानिया ने जीता. सानिया की रैंकिंग भी नंबर 1 है. यह भारत के लिए गौरव बढ़ानेवाली बात है. इसके पहले किसी भी भारतीय टेनिस खिलाड़ी को नंबर 1 की रैंकिंग नहीं मिली.
स्मृति मंधाना
भारत में क्रिकेट का नाम लेते ही केवल पुरुष खिलाड़ी ही दिमाग़ में आते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की बल्लेबाज़ स्मृति मंधाना ने साल 2016 में बढ़िया प्रदर्शन करते हुए देश का मान बढ़ाया. शायद इसीलिए आईसीसी ने उन्हें 2016 की अपनी बेस्ट इलेवन में भी चुना. ऐसा करनेवाली वह इकलौती भारतीय महिला खिलाड़ी हैं.
अदिती अशोक
भारत की उभरती हुई गोल्फर अदिति अशोक के लिए साल 2016 यादगार रहा. अदिति को महिला यूरोपीय टूर की साल की उभरती हुई खिलाड़ी भी चुना गया. इस दौरान वह टूर पर अपने पहले साल में लगातार दो खिताब जीतने वाली पहली भारतीय भी बनी. अदिति महिला इंडियन ओपन जीतकर यूरोपीय लेडीज़ टूर प्रतियोगिता जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी.
दीपा करमाकर
ओलिंपिक में देश को जिमनास्ट में रिप्रेज़ेंट करनेवाली दीपा पहली भारतीय महिला खिलाड़ी थीं. फाइनल में पहुंचकर दीपा ने लोगों का दिल जीतने के साथ-साथ चौथी पोज़ीशन भी हासिल की. भले ही दीपा कोई मेडल नहीं जीत पाईं, लेकिन देश का गौरव बढ़ा गईं. ओलिंपिक में 52 साल बाद कोई भारतीय जिमनास्ट फाइनल तक पहुंचने में सफल रहा. वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला जिमनास्ट भी बनीं.
दीपा मलिक
रियो में पैरालिंपिक गेम्स में देश को गोल्ड दिलानेवाली कोई और नहीं, बल्कि दीपा मलिक थीं. गोला फेंक प्रतियोगिता में दीपा ने देश की झोली में स्वर्ण पदक डाला. भारत के लिए पैरालिंपिक में पदक जीतनेवाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं.