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काव्य- क्यों है? (Kavay- Kyon Hai?

किसी की ज़िंदगी इतनी आसान तो किसी की इतनी मुश्किल क्यों है? काव्य किसी के पास सब कुछ है तो कोई कंगाल क्यों है?   कोई अकेले होकर भी किसी के साथ है तो कोई भीड़ में भी तन्हा क्यों है?   कोई ग़मों में भी मुस्कुराता है तो कोई ख़ुशियों में भी उदास क्यों है?   कोई एक लम्हे में ज़िंदगी जी लेता है तो कोई ज़िंदगीभर उस एक लम्हे की तलाश में क्यों है?   कोई अपने फैसलों में आज़ाद है तो कोई रिश्तों की ज़ंजीरों में कैद क्यों है?   किसी को पल भर में ख़ुदा मिल जाता है तो किसी का इंतज़ार इतना लंबा क्यों है?   किसी का सपना एक उड़ता हुआ गुब्बारा तो किसी का आसमान क्यों है?   किसी के पास रास्ते ही रास्ते हैं तो किसी के पास हर बार बंद दरवाज़ा क्यों है?   किसी की ज़िंदगी इतनी आसान तो किसी इतनी मुश्किल आख़िर क्यों है?...                                            - शिल्पी राय जेम्स यह भी पढ़े: Shayeri

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