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काव्य- ज़माने बदल गए… ...
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काव्य- ज़माने बदल गए… (Kavay- Zamane Badal Gaye…)

By Usha Gupta in Shayeri , Geet / Gazal , Short Stories
नज़रें जो उनकी बदलीं, ज़माने बदल गए
मयखाना तो वही है, पैमाने बदल गए
तुम पूछते हो उनके, जाने से क्या हुआ
होंठों के गुनगुनाते, तराने बदल गए
वादा वो करके आए थे, न आए हैं वो अब
हर रोज़ उनके न आने के, बहाने बदल गए
जज़्बा मुहब्बतों का, है पाक आज भी
फिर क्यों मुहब्बतों के, फसाने बदल गए
कहने को क्या नहीं है, अब आदमी के पास
लेकिन अब दौलतों के, ख़ज़ाने बदल गए
नज़रें जो उनकी बदलीं, ज़माने बदल गए
मयखाना तो वही है, पैमाने बदल गए
दिनेश खन्ना
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