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काव्य- हार गए तुम… (Kavya- Haar Gaye Tum…)

जिस दिन
तमन्ना बड़ी और
हौसला छोटा हो जाए
समझना कि
हार गए तुम

जिस दिन
राजनीति बड़ी
और दोस्ती छोटी हो जाए
समझना कि
हार गए तुम

जिस दिन रिश्ते में
अहंकार बड़ा
और प्यार छोटा हो जाए
समझना कि
हार गए तुम

जिस दिन
दौलत बड़ी
और आदमी छोटा हो जाए
समझना कि
हार गए तुम

जिस दिन काम बड़ा
और उसे करनेवाले छोटे हो जाए
समझना कि
हार गए तुम

जिस दिन
सरहद बड़ी
और बलिदान छोटा हो जाए
समझना कि
हार गए तुम

जिस दिन
दिमाग़ बड़ा
और दिल छोटा हो जाए
समझना कि
हार गए तुम…

Murali Manohar Srivastava
मुरली मनोहर श्रीवास्तव
Kavya

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