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कविता- अब बिन तेरे सूना है संसार… (Kavita- Ab Bin Tere Soona Hai Sansar…)

Kavita- Ab Bin Tere Soona Hai Sansar जब-जब तुमसे मुलाक़ात होती है मेरे दिल में कोई गीत उतर आता है सामने आ जाते हो तुम मेरा सूना-सा जहां रंगीन हो उठता है मैं सोचती हूं तुमसे क्या करूं बातें पर तुम्हारी हर बात पर दिल झूम उठता है जब अकेली भी होती हूं मैं तब भी तुम मेरे क़रीब होते हो मेरी यादों में, मेरी सांसों, मेरी ख़्वाहिशों में बसे तुम ही तो हर पल दिल के नज़दीक होते हो नींद में भी आती है तुम्हारी याद लगती नहीं अब स्याह रात तेरा आना भी अब मुझे अजीब नहीं लगता तेरे आने पर मुझ-सा ख़ुशनसीब न कोई होता तेरी हर मुस्कुराहट पर मेरा दिल निसार अब बिन तेरे सूना है संसार... - श्रुति राय मेरी सहेली वेबसाइट पर श्रुति राय की भेजी गई कविता को हमने अपने वेबसाइट में शामिल किया है. आप भी अपनी कविता, शायरी, गीत, ग़ज़ल, लेख, कहानियों को भेजकर अपनी लेखनी को नई पहचान दे सकते हैं… यह भी पढ़े: Shayeri  

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